नई दिल्ली Post Office NSC Scheme: आज के समय हर कोई सही निवेश की तलाश में है। ऐसे में पोस्ट ऑफिस आपके लिए बेस्ट ऑप्शन लेकर आया है। पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम ऐसी हैं जिसमें आप टैक्स बचा सकेंगे और आपको 5 साल की एफडी के मुकाबले में शानदार ब्याज भी मिल सकता है।
इस लेख में हम बात कर रहे हैं पोस्ट ऑफिस की एनएससी स्कीम के बारे में, ये एक प्रकार से एफडी की जैसे जमा स्कीम है। इसमें 5 सालों के लिए पैसा जमा किया जाता है। इस समय इस स्कीम में 7.7 फीसजी की दर से ब्याज मिल रहा है। चलिए स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
टैक्स फ्री एफडी पर कहां मिल रहा ब्याज
आपको बता दें पोस्ट ऑफिस स्कीम में 7.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इसके बाद एसबीआई में 6.5 फीसदी, पीएनबी में 6.5 फीसदी का ब्याज, बीओबी में 6.5 फीसदी, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई में एफडी पर 7 फीसदी का ब्याज मिल रहा है।
बच्चों के नाम पर कर सकते हैं निवेश
पोस्ट ऑफिस की एनएससी स्कीम में कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है। यदि आप अपने बच्चों के नाम से खाता ओपन कराना चाहते हैं तो वह भी ओपन करा सकते हैं। वहीं 10 साल से ज्यादा आयु का बच्चा खुद ही अपने नाम पर एसएससी खाता ओपन कर सकता है। 2 से 3 लोग मिलकर ज्वाइंट खाता ओपन करा सकते हैं।
जानें कितना कर सकते हैं निवेश
एसएससी में कम से कम 1 हजार रुपये और उसके बाद 100 का मल्टीपल निवेश कर सकते हैं। वहीं मैक्जिमम निवेश करने की कोई लिमिट नहीं है। इसमें सिर्फ 5 साल में से स्कीम में मैच्योर कर सकते हैं। सालाना आधार पर ब्याज कंपाउंडिंग मिलता है।
इसके साथ में स्कीम में गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। आपके निवेश के समय जो भी ब्याज लागू थी, वह आखिर तक उसी ब्याज दर से हिसाब से 5 साल का ब्याज कैलकुरेट होता है। इस बीच यदि ब्याज भी जाए। तो भी इसका प्रभाव आपके खाते पर नहीं पड़ता है।
मिलता है टैक्स बेनिफिट्स
एनएससी में जमा की गई रकम पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है। यानि कि हर साल 1.50 लाख तक टैक्स बेनिफिट उठा सकते हैं। बहराल दूसरी स्कीम की तरह इस स्कीम में 5 साल से पहले किसी भी प्रकार का पार्शियल विड्रॉल नहीं हो सकता है। यानि कि आपको एक साथ पूरी रकम 5 साल के बाद ही मिलेगा। प्रमैच्योर क्लोजर भी स्पेशल परिस्थियों में ही कराया जा सकता है।
एक्सटेंशन का नियम
अगर आप एनएससी को मैच्योर होने के बाद अगले 5 सालों तक जारी रखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए फिर से अप्लीकेशन करना होता है। ऐसे में इसे नई तारीख की जमा के रूप में माना जाएगा और इस पर ब्याज का लाभ भी उस डेट में लिए गए नए सर्टिफिकेट के ब्याज के हिसाब से मिलेगा।