नई दिल्ली SIP Calculator: एसआईपी में निवेशको को रेगुलर से ज्यादा ही रिटर्न मिलता है। जब भी कोई निवेशक म्यूचुअल फंड में काफी लंबे समय के लिए निवेश करता है तो शुरुआती सालों की तुलना में बाद के सालों में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलता है।
आपको बता दें ऐसा इसलिए होता है कि निवेश समय के साथ में बढ़ता ही जाता है और रिटर्न का फीसदी बढ़ी हुई रकम पर मिलता है। वॉरेन बफे और रे डेलियों जैसे निवेश के दिग्गज माने जाने वाले लोगों ने माना है कि कंपाउंडिंग की ताकत बेहद ही प्रभावशाली है।
कंपाउंडिंग की ताकत को दिखाने के लिए हमने रेंडम तरीके से एक म्युचूअल फंड स्कीम का चुनाव किया है। जो भी फंड हमने चुना है उसका नाम फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ट इक्विटी फंड है। इस फंड को करीब 16 साल पहले जुलाई 2007 में पेश किया गया था।
इसने हाल ही के दिनों में काफी अच्छा रिटर्न दिया है। इस फंड ने 14.33 फीसदी का सीएजीआर दिया है। यदि कोई भी निवेशक बीते एक साल में इस स्कीम में रेगुलर रूप से 10 हजार रुपये का निवेश करने का फैसला करते हैं तो उसका 1.20 लाख रुपये निवेश करके इनवेस्ट को बढ़ाकर 1.467 लाख हो जाता है।
इस प्रकार किसी ने लगातार 3 सालों तक एसआईपी के जरिए से 10 हजार रुपये का निवेश जारी रखा होता है। तो 3.6 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 4.96 लाख रुपये हो जाता है। 5 सालों ममें 6 लाख रुपये का निवेश करने पर आपका फंड बढ़कर 10.26 लाख रुपये हो जाता है।
इस प्रकार 10 सालों के टेन्योर में एसआईपी के द्वारा 10 हजार रुपये का रेगुलर निवेश करने पर 12 लाख का फंड बढ़कर 36.47 लाख हो जाता है। इस प्रकार यदि किसी स्कीम की शुरुआत 2-007 के बाद हर महीने 10 हजार रुपये का निवेश करता है तो उसका कुल 20 लाख का फंड बढ़कर 97.58 लाख रुपये का हो जाता है।