आप अपने बच्चे का दाखिला इस साल या आने वाले साल में कक्षा 1 में करा रहे हैं तो ध्यान रखें कि बच्चे की उम्र 6 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति 2023 के नियमों के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में एक नोटिस तैयार कर राज्यों को भेजा था. अब दोबारा वही निर्देश दोहराकर भेजा गया है।

शिक्षा मंत्री ने जारी किया पत्र

पहली कक्षा में प्रवेश लेने के लिए बच्चे की आयु जुलाई माह में छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। छह साल का मतलब साढ़े पांच साल नहीं, सवा पांच साल होता है। सिक्स प्लस का मतलब है कि छह साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे का पहली कक्षा में नामांकन होना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2024 को एक पत्र जारी किया था। इसमें साफ लिखा है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है।

ऐसे में उम्मीद है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रेड वन में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र सीमा अब 6 साल से ज्यादा हो जाएगी. इसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक्स हैंडल पर भी दी है. यह निर्णय एनईपी 2020 और बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई अधिनियम 2009) के तहत लिया गया है।

नई शिक्षा नीति क्या है?

नई शिक्षा नीति में 10+2 फॉर्मेट को पूरी तरह खत्म कर 5+3+3+4 फॉर्मेट में बदल दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि स्कूल के पहले पांच वर्षों में अब प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन चरण शामिल होंगे। फिर अगले तीन वर्षों को कक्षा 3 से 5 के लिए तैयारी चरण में विभाजित किया जाएगा।

इसके बाद तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और चार साल माध्यमिक चरण (कक्षा 9 से 12) होते हैं। इसके अलावा स्कूलों में आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस स्ट्रीम का कोई सख्त पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी कोर्स चाहें, ले सकते हैं।

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