गर्मी का मौसम अपने साथ कई सारी बीमारियों और हेल्थ रिलेटेड इश्यूज को लेकर के आता है। गर्मी के मौसम में स्पेशली हीट स्ट्रोक, डायरिया, बेहोशी, लगातार उल्टी होने जैसी समस्याएं बहुत ही ज्यादा आम होती हैं। वहीं, इस मौसम में फूड प्वाइजिंग का डर भी दो गुना अधिक बढ़ जाता है क्योंकि बैक्टेरिया और सूक्ष्मजीव तेजी से पनपते हैं। ये शरीर को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं। स्पेशली जो खाना बाहर से मिलता है उनमें और अशुद्ध पानी भी फूड पॉइजनिंग की वजह बन सकता है। लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों और जिन लोगों की इम्यूनिटी वीक होती है, उन्हें फूड पॉइजनिंग का खतरा अधिक होता है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization) के मुताबिक हर साल पूरी दुनियाभर में तकरीबन 60 करोड़ लोग खान पान से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं।
आखिरकार फूड पॉइजनिंग के लिए कौन कौन से बैक्टेरिया को जिम्मेदार बताया गया है:
फूड पॉइजनिंग के अधिकतर केसों में ई कोलाई नाम का बैक्टेरिया पाया जाता है। ये बैक्टीरिया इम्यूनिटी, किडनी और ब्लड किडनी पर पूरा असर डालता है। इसके अलावा भी कई सारे जर्म्स होते हैं जो भोजन अथवा पानी को संक्रमित करने का कार्य करते हैं।
क्या क्या होते हैं फूड प्वाइसिंग के कारण
खाने के बर्तन का ठीक तरह से न धुला हुआ होना
सब्जियां या फलों को बिना धोए तैयार करना
संक्रमित पानी का सेवन करना
डेयरी प्रोडक्ट्स को रूम टेंपरेचर पर रखना
क्या होते हैं फूड प्वाइसिंग के लक्षण
बुखार आना और ठंड लगना
पेट में रुक रुक के दर्द उठते रहना अथवा जलन होना
बेहोसी आना
सिर में दर्द और चक्कर आना
फूड पॉइजनिंग होने पर क्या करें
ORS पिएं, जिससे डिहाइड्रेशन न हो।
फूड पॉइजनिंग होने पर हेवी फूड न खाएं।