नई दिल्ली: पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन मारा गया। पंजाब प्रांत के झेलम जिले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अबू कताल (Abu Qatal) उर्फ कताल सिंधी को गोली मार दी गई। अबू कताल पर शनिवार रात उस समय हमला हुआ, जब वह लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के साथ मौजूद था। अबू कताल मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और भारत के मोस्ट वांटेड हाफिज सईद का करीबी था। कताल ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। वह राजौरी और रियासी हमलों का मास्टरमाइंड था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अबू कटल के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी।
हमलों को अंजाम दिया
बताया जा रहा है कि शनिवार रात करीब 8 बजे जब अबू कताल को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी, तब आतंकी हाफिज सईद भी वहीं मौजूद था। इस घटना के बाद से हाफिज लापता है। हाफिज ने अपने भरोसेमंद अबू कटल को लश्कर-ए-तैयबा का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बनाया था। उसके नेतृत्व में लश्कर ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। वह हमले के लिए संगठनों के साथ साजिश रचने, आतंकियों की भर्ती करने और सीमा पार से घुसपैठ कराने में माहिर था।
इसलिए अबू कताल हाफिज के लिए काफी अहम हो गया था। 1 जनवरी 2023 को राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकी हमला हुआ था। इसके अगले ही दिन आईईडी ब्लास्ट हुआ था। इन हमलों में दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
चार्जशीट दाखिल की थी
इस मामले में एनआईए ने 26 फरवरी 2024 को 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें तीन पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लश्कर के तीन आतंकियों को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया था। जिनकी पहचान सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट, मोहम्मद कासिम और अबू कताल उर्फ कताल सिंघी के रूप में हुई थी। अबू कताल और साजिद जट्ट पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि कासिम 2002 के आसपास पाकिस्तान चला गया था और वहां आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था।
9 जून 2024 को शाम करीब 6 बजे जम्मू-कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकी हमला हुआ था। 53 सीटों वाली यह बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा जा रही थी। आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की। एक गोली ड्राइवर को लगी, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई।
मास्टरमाइंड अबू कताल था
इस आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन के इशारे पर काम करने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। इस हमले का मास्टरमाइंड अबू कताल था। इनके अलावा 2017 में रियासी में हुए बम हमले का भी मास्टरमाइंड अबू कताल ही था, जिसमें जम्मू-कश्मीर के मासूम लोगों को निशाना बनाया गया था।
अप्रैल 2023 में राजौरी-पुंछ के भाटिया डूरियन में सेना के वाहन पर हुए हमले को भी अबू कताल ने ही अंजाम दिया था। 2000 के दशक की शुरुआत में कताल के गहरे नेटवर्क की वजह से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले बढ़ गए थे। अबू कताल रावलपिंडी में बैठे लश्कर के सीनियर कमांडर साजिद जट्ट को सीधे रिपोर्ट करता था। यह वही साजिद जट्ट है, जिसका नाम राजौरी हमलों में आया था।
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