Kala Dhaga Bandhane Ke Niyam: आज के इस मॉडर्न समय में भी कुछ चीजें ऐसी हैँ जिन्हें लोग एक – दूसरे कि देखा देखी में अपनाते हैँ, बिना उसका फायदा या खामियाजा जाने। जैसे कि हाल – फिलहाल में युवक व युवतियों के बीच पैर में एक काला बाँधने का ट्रेंड। बहुत से लोग तो ट्रेंड में है इसलिए बांध लेते हैँ, तो वहीं कुछ लोग खुद को किसी कि बुरी नजर न लगे और वे सुरक्षित रहें इसलिए।
ऐसे में आज हम आपको ये बताएँगे कि शरीर के किस अंग में काला धागा बांधना सही होता है।
पर उससे पहले ये जान लिए कि काले धागे के बारे में हमारा धार्मिक ग्रंथ क्या कहता है। सनातन धर्म के अनुसार काला धागा एक तरह का रक्षा सूत्र होता है। इसलिए रक्षा सूत्र को पैरों में बाँधने से अशुभता बढ़ सकती है। साथ ही शनि कि स्थिति तक बिगड़ सकती है। एक बात और महत्वपूर्ण होती है कि काले धागे को बॉडी के किसी भी पार्ट में खाली न पहनें। इसे एक लॉकेट के साथ पहन सकते हैँ।
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बॉडी के कौन से हिस्से में बांधे काला धागा
बुरी नजर व नजर दोष से सुरक्षित रखने के लिए घर के किसी भी सदस्य को काला धागा बांध देते हैँ। लेकिन बिना जानें समझें इसे किसी भी शरीर के अंग में काला धागा व
बांध लेने से नकारात्मकता बढ़ सकती है। वैसे, कई सारे ज्योतिष चार्य इस बात का जिक्र करते अक्सर दिख जाते हैँ कि कमर में काला धागा बांधना शुभ माना जाता है।
कमर में काला धागा बाँधने से सेहत स्वस्थ रहती है और बीमारियां भी दूर हो जाती हैँ। ग्रह अगर कमजोर चल रहे हैँ, तो वो भी मजबूत होते जाएंगे। वहीं, ज्यादा शुभ फलों कि प्राप्ति चाहते हैँ तो बाला जी या शनि देव जी के चरणों में चढ़ा कर के फिर इसे धारण करें।
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काला धागा पहनने के ये हैँ कुछ फायदे :
• काला धागा नेगेटिविटी और बुरी नजर से बचाता है।
• शरीर में अगर नकारात्मक शक्ति मौजूद भी है, तो इसमें इसे बाहर करने कि क्षमता है।
• कमर में बाँधने से शरीर लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है।
काला धागा कब उतारें:
• काला धागा तब तक आप पहन सकते हैँ, जब तक कि ये टूट न जाए। टूट जाए तो इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।