चिलचिलाती गर्मी का कहर जारी है! बिहार में तेज धूप और उमस भरी गर्मी के कारण स्कूली छात्राओं की तबीयत बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई छात्राओं को बेहोश होकर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इन घटनाओं के मद्देनजर, बिहार सरकार ने तत्काल प्रभाव से स्कूल बंद करने का फैसला किया है।
स्कूल कब तक रहेंगे बंद?
राज्य में भीषण गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। यह आदेश 30 मई 2024 से 8 जून 2024 तक लागू रहेगा।
गर्मी से बिगड़ी छात्राओं की तबियत
बुधवार को बेगूसराय और शेखपुरा जिलों के कई स्कूलों में पढ़ रहीं छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई। गर्मी के कारण कम से कम 50 छात्राएं क्लासरूम में ही बेहोश हो गईं। इनमें से कई छात्राओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
शेखपुरा में 24 छात्राएं बेहोश
शेखपुरा जिले के आराियरी प्रखंड के अंतर्गत मनकौल उच्चतम माध्यमिक विद्यालय में भीषण गर्मी के कारण छात्राओं की तबियत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाना पड़ा। स्कूल में प्रार्थना के दौरान और क्लासरूम में भी कई छात्राएं गर्मी के कारण बेहोश हो गईं। छात्राओं की हालत बिगड़ने से शिक्षकों में भी अफरातफरी मच गई। बाद में छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बेगूसराय में 18 छात्राओं का बिगड़ा स्वास्थ्य
इसी तरह बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड के मटिहानी मध्य विद्यालय में भीषण गर्मी के कारण करीब 18 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए मटिहानी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि बेगूसराय में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, बावजूद इसके सभी स्कूल खुले हुए थे।
मटिहानी मध्य विद्यालय में सुबह करीब 10 बजे अचानक स्कूली छात्राएं बेहोश होने लगीं। स्कूल के प्रधानाध्यापक चंद्रकांत सिंह ने बताया कि बच्चों को पहले स्कूल में ही ORS घोल पिलाया गया, लेकिन बेहोश होने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद सभी छात्राओं को इलाज के लिए मटिहानी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सरकार का कदम – स्कूल बंद करने का आदेश
छात्राओं की तबियत बिगड़ने की खबरों के बाद बिहार सरकार हरकत में आई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद करने के संबंध में उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो।