लोकसभा चुनाव के बीच अखिलेश यादव की बढ़ी मुसीबत, CBI ने जारी किया समन, पूछताछ के लिए बुलाया

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Priyanka Singh

नई दिल्ली। सेंट्रल जांच एजेंसी CBI ने पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस समन को CBI ने धारा 160 के तहत भेजा है।

अखिलेश यादव को CBI द्वारा पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया गया है, और यह पूछताछ फ़रवरी 29 को होगी। इस समन का इस्तेमाल अवैध खनन घोटाले के मामले में किया गया है। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले में एक साक्ष्य के रूप में CBI के सामने उपस्थित होना होगा।

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सामाजिक पार्टी ने CBI के समन को इंकार किया

CBI के अखिलेश यादव को समन भेजने के साथ ही, उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाहट में जा सकता है। एफआईआर में इस आरोप किया गया है कि जुर्म के साजिश में, सरकारी कर्मचारियों ने नए लीज जारी किए और पूर्व में जारी की गई लीज की पुनर्नवीकरण को टेंडर प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इस मामले में कई आरोपितों को अवैध खनन की अनुमति दी गई थी। आरोप है कि खनिजों की चोरी और धन की लूट को अनुमति दी गई थी।

SP ने CBI के समन को इंकार किया

समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव को CBI का समन इनकार किया है। एसपी के प्रवक्ता फख्रुल हसन चंद ने कहा है कि अखिलेश यादव को CBI का कोई समन प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पार्टी हमेशा गरीबों और दलितों की आवाज रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा समन आता है, तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें मीडिया के माध्यम से इस प्रकार की जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे समन प्राप्त होने के बाद, विधिक विशेषज्ञों की सलाह लेकर एसपी की ओर से पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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जांच का आदेश:

2019 में FIR नोटिस दर्ज किया गया था। कहा गया है कि अखिलेश यादव को CBI के सामने उत्तर देने के लिए प्रस्तुत होना होगा। जनवरी 2019 में CBI द्वारा दर्ज की गई FIR से संबंधित अखिलेश को बुलाया गया है, जो 2012-2016 के बीच हमीरपुर में अवैध खनन के संदेह में है।

FIR दर्ज:

जनवरी 2019 में कई सार्वजनिक सेवकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी, खनन अधिकारी और अन्य शामिल थे। FIR में आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों के अवैध खनन को अनुमति दी।

अखिलेश यादव ने अभी तक CBI के समन का कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने इस मामले में कोई आपत्ति नहीं दी है। यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीतिक दलों के बीच गरमा गया है और इसका परिणाम भविष्य में देखा जा सकता है।

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Priyanka Singh के बारे में
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