Anti Paper Leak Law: भारत में पेपर लीक के मामलों ने इन दिनों खूब तूल पकड़ रखा है। बात चाहें नेट के पेपर की हो या फिर नीट परीक्षा की, दोनों ने एनटीए की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एजेंसियां दोनों ही पेपर लीक मामले की जांच गंभीरता से कर रही हैं। दूसरी ओर अब राज्य व केंद्र सरकार भी पेपर लीक मामले पर काफी सख्त दिखाई दे रही है।
देर रात पेपर लीक मामले में एक कानून लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने देशभर में एंटी पेपर लीक कानून बनाकर आधी रात से प्रभावी भी कर दिया है। अगर अब पेपर लीक मामले में कोई दोषी पाया गया तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जेल जाने के साथ-साथ भारी भरकम जुर्माना भी भरना होगा। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून में एनटीए के नेतृत्व में होने वाली सभी परीक्षाएँ शामिल रहेंगी। सरकार को उम्मीद है कि गड़बड़ी करने वालों पर अब पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
एंटी पेपर लीक कानून से जुड़ी जरूरी बातें
केंद्र सरकार ने इस कानून को लोक परीक्षा कानून 2024 यानि पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 नाम दिया है। सरकार ने इस कानून को लोकसभा चुनाव से पहले यानी फरवरी 2024 में संसद से पारित कर दिया था। देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने हस्ताक्षर कर इसे कानून को मंजूरी दे दी।
कानून लागू होने के बाद कोई भी पेपर लीक होता तो शामिल सभी दोषियों को तीन से दस साल तक की सजा का प्रावधान रहेगा। इतना ही नहीं 10 लाख से एक करोड़ रुपये का जुर्माने का भी नियम बनाया गया है। केंद्र सरकार के एंटी पेपर लीक कानून में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं व एनटीए की ओर से सभी कराई जाने वाली परीक्षाएं शामिल रहेंगी।
नेट और नीट की परीक्षा में धांधली आने पर मचा बवाल
नेट और नीट की परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद देशभर में बवाल मच गया। छात्र सड़कों पर उतर आए। विपक्षी पार्टियां भी सरकारों की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाने लगी। नेट और नीट परीक्षा लीक मामले की जांच चल रही है। अब तक कई आरोपितों को हिरासत में लिया जा चुका है। नेट का पेपर तो 19 जून को पूरी तरह से रद्द ही कर दिया है। नीट परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी भी इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, नीट की अभी काउंसलिंग जारी है।