नई दिल्ली। आज यानी 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत। मां दुर्गा (Chaitra Navratri Ghatsthapana) के नौ स्वरूपों की पूजा का ये पवित्र पर्व हर घर में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता।
नवरात्रि के दौरान उपवास रखते हैं। इस दौरान घरों में कलश स्थापना की जाती है, मगर शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करना बहुत ज़रूरी होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कलश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त
प्रातःकालीन मुहूर्त (Morning Muhurta): सुबह 6:11 बजे से लेकर 10:23 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurta): सुबह 11:32 बजे से लेकर 12:54 बजे तक
अगर आप सुबह के शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है, तो आप अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते हैं। याद रखें, कलश स्थापना के बाद पूजा करने से आपके घर में नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो जाएगा।
कलश स्थापना की सरल विधि
– सबसे पहले कलश के नीचे मिट्टी में जौ बो दें।
– इसके बाद कलश में गंगाजल भरें।
– कलश में सप्तधान्य, आम के पत्ते और नारियल रखें।
– अब कलश पर सिंदूर, हल्दी, चावल और दक्षिणा चढ़ाएं।
– आखिर में कलश को लाल चुनरी से सजाएं और अखंड ज्योति जलाएं।
माता शैलपुत्री की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन लाल या गुलाबी रंग के कपड़े पहनकर कलश स्थापना करें। मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी से बने मीठे का भोग लगाएं। इसके साथ ही, उनको जवाकुसुम, कनेर और अपराजिता के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होंगी और आपके मनोवांछित फल पूरे होंगे।
नवरात्रि के महत्वपूर्ण तिथियां
प्रथम नवरात्रि (First Navratri): 9 अप्रैल 2024
अष्टमी (Ashtami): 16 अप्रैल 2024 (इस दिन व्रत रखा जाता है)
नवमी (Navami): 17 अप्रैल 2024 (इस दिन हवन किया जाता है)
दशमी (Dashami): 18 अप्रैल 2024 (इस दिन नवरात्रि का समापन होता है)
इस लेख में हमने आपको चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी कलश स्थापना के बारे में विस्तार से बताया है। आप इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. timesbull.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)