Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 मिशन लखनऊ के लिए क्यों है खास, जानिए शहर कि किस बेटी को मिली अनोखी जिम्मेदारी

नई दिल्लीः काफी उम्मीदों और इसरो की मेहनत के बाद चंद्रयान-3 लॉन्च होने के साथ चंद्रमा के सफर पर निकल गया। चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग और मून पर रवानगी के बाद हर भारतवासी के चेहरे पर काफी खुशी दिख रही है। हर किसी को अब इसकी सफल लैंडिंग का इंतजार रहेगा, जो पल हर भारतीय के लिए बड़े ही अनमोल होंगे।

इसरो के इस कदम पर देश ही नहीं पूरी दुनिया की नजरे टिकीं हुई हैं। यह पल देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए भी बहुत खास है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा है जो यूपी वालों के लिए यह पल इतने कीमती हैं। इसकी वजह कि भारत की ‘रॉकेट वूमन’ के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए सफर पर रवाना हुआ है।

इसके साथ ही इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी भी वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को दी गई है। वह चंद्रयान-3 की मिशन निदेशक है हैं। मिशन प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर के पद पर भी रच चुकी हैं। चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल किया गया है। यह किसी संचार उपग्रह की तरह काम करने में सक्षम माना जाएगा।

बचपन में थी यह दिलचस्पी

इसरो में बड़े पद पर विराजमान लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल का जन्म 1975 में मध्यम परिवार में हुआ। इसके साथ ही बचपन से उन्हें चांद-सितारों और आसमान में दिलचस्पी रहती थी। इसरो और नासा से संबंधित समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना उनका बहुत बड़ा शौक रहा।

इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में एससी और एमएससी की पढ़ाई भी बड़ी लगन के साथ की। इसके साथ ही एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर के लिए आईआईएससी, बंगलूरू में एडमिशन लिया। डॉ. करिधाल ने नवंबर 1997 से इंजीनियर के पद पर इसरो में काम करना आरंभ किया।