New Criminal Laws: भारत में इस दिन से लागू होंगे तीन नए दंड विधान, नाबालिग से गैंगरेप पर अब फांसी, हर डिटेल्स यहां जानिए

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Priyanka Singh

नई दिल्ली। भारत में 1 जुलाई 2024 (New Criminal Laws) से तीन नए दंड विधान लागू हो गए हैं। इन नए विधानों ने ब्रिटिश-कालीन दंड संहिता (IPC), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) का स्थान ले लिया है।

इन तीनों नए कानूनों को भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के नाम से जाना जाता है।

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इन तीनों विधेयकों को संसद के दोनों सदनों द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया गया था। बाद में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों नए दंड विधानों को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद इन्हें कानून बना दिया गया। ये तीन कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और IPC का स्थान लेंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, ये तीन नए कानून आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए दंड को और अधिक कठोर बना देंगे।

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नए कानूनों में क्या बदलाव हुए हैं?

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS):

    • 20 नए अपराधों को जोड़ा गया है।
    • IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है।
    • 33 अपराधों में जेल की सजा बढ़ा दी गई है।
    • 83 प्रावधानों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है।
    • 23 अपराधों में न्यूनतम अनिवार्य दंड का प्रावधान किया गया है।
    • 6 अपराधों में ‘समुदाय सेवा’ की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS):

    • गिरफ्तारी, जांच और अभियोजन की प्रक्रिया BNSS में बताई गई है।
    • CrPC की तुलना में कुछ प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
    • जांच और ट्रायल में तेजी लाने के लिए प्रावधान किए गए हैं।
    • पीड़ितों के अधिकारों को मजबूत किया गया है।
  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA):

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    • मामले के तथ्यों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज किए जाएंगे, यह सब BSA में बताया गया है।
    • भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुछ बदलाव किए गए हैं, ताकि सबूतों को इकट्ठा करने और पेश करने की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।

नए दंड विधानों के संभावित लाभ:

  • अपराधों के लिए कठोर दंड से अपराध दर में कमी आ सकती है।
  • जांच और ट्रायल की प्रक्रिया को तेज करने से लंबित मामलों की संख्या कम हो सकती है।
  • पीड़ितों के अधिकारों को मजबूत बनाने से उन्हें न्याय मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

नए दंड विधानों की संभावित चुनौतियाँ:

  • नए कानूनों को लागू करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता हो सकती है।
  • कुछ प्रावधानों की व्याख्या को लेकर विवाद हो सकते हैं।
  • यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नए कानूनों का इस्तेमाल निर्दोषों के उत्पीड़न के लिए नहीं किया जाए।

Priyanka Singh के बारे में
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Priyanka Singh 8 साल से मीडिया क्षेत्र से जुड़ी प्रियंका सिंह इस समय Timesbull.com को अपने कार्यों से योगदान दे रही हैं। जिसमें इन्होंने (क्राइम, देश-विदेश,शिक्षा,लाइफस्टाइल,मनोरंजन,गैजेट्स इत्यादि) बीट पर काम किया। इनके लेखनी को Timesbull.com पाठकों ने काफी पसंद भी किया। एक छोटे संस्थान से शुरुआत करने वाली प्रियंका सिंह अपने करियर में साल 2016 में राजस्थान पत्रिका से जुड़ी। इन्होंने 2 साल तक राजस्थान पत्रिका को अपनी सेवा प्रदान की। तत्पश्चात इनका सफर 2018 में इंडिया डॉट कॉम की तरफ बढ़ चला। यहां प्रियंका सिंह ने लेखनी के साथ - साथ वीडियो कार्य क्षेत्र में भी कार्य किया। फिर इनका सफर आगे बढ़ा 2021 की तरफ, जहां इन्होंने न्यूज 24 डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ काम शुरू किया। फिर प्रियंका सिंह Timesbull.com के साथ जुड़ी। प्रियंका ने हर बीट से जुड़े कंटेट पर काम किया है। Read More
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