नई दिल्लीः दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक इस साल गर्मी ने सब रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए, जो जनमानस के लिए आफत बनी हुई है। कई महानगरों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया। नोएडा जैसे शहरों में भीषण गर्मी के चलते एसी फटने से आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। आसमान से अभी भी आग बरस रही है, जिससे हर कोई परेशान है।
मैदानों हिस्सों में आसमान से ऐसी आग बरस रही कि धरती भट्टी बन चुकी है। गर्मियों के मौसम में जून की छुट्टियां बिताने के लिए कुछ लोग पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने चले जाते हैं, जहां वे खूब मौज-मस्ती करते दिखते हैं। इस साल गर्मी न हिल इलाकों को भी नहीं छोड़ा, जहां गर्मी ने तांडव मचाकर रख दिया, जिससे आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। गर्मी का इतना कहर है कि मार्गों पर भी जाम जैसे हालात बने हुए हैं। आज हम हिमचाल प्रदेश के मनाली की बात कर रहे हैं, जहां केरल की तरह गर्मी लोगों को रुला रही है।
हिमाचल प्रदेश में गर्मी ने छुड़ाया पसीना
भीषण गर्मी से हिमाचल प्रदेश के पहाड़ भी गर्म है, जिससे लोगों का जीना दुश्वार है। मनाली में पर्यटकों की भीड़ पहुंचने की वजह से भारी ट्रैफिक जाम लग गया है, जिससे ट्रैफिक की रफ्तार रेंगती नजर आई। इसके अलावा कांगड़ा में तापमान 41 डिग्री तक दर्ज किया गया। इसकी वजह से पर्यटक वहां जाकर बड़े अफसोस में हैं, क्योंकि एक गर्मी दूसरे जाम से निजात मिलत नहीं दिख रही है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी शिमला में 29 मई को इस सीजन का सबसे अधिक तापमान देखने को मिला था। तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। हिमाचल प्रदेश के ऊना ने दिल्ली के 45 डिग्री सेल्सियस तापमान की बराबरी पर दर्ज किया गया।
मई में भी करना पड़ा भीषण गर्मी का सामना
इस साल मई के महीने में भी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मई का हीना काफी गर्म दर्ज किया गया। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। इसके साथ ही 2012 के रिकॉर्ड से मैच दर्ज किया गया। इसमें लगातार आठ दिन 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया।
जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में एक दशक में सबसे गर्म मई के महीने का एक्सपीरियंस रहा। यहां तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। इसके अलावा शिमला में 2012 के बाद से सबसे अधिक तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस और सुंदर नगर में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान देखने को मिला।