नई दिल्लीः अयोध्या में श्रीमराम मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिस कार्यक्रम की तैयारी तेजी से चल रही हैं। कहते हैं कि भगवान राम का जाप करने से ही इंसान कष्टों से मुक्त हो जाता है। प्रभू की आराधना मन को शांति और आर्थिक उन्नति मिलती है। इसलिए प्रभू राम की भक्ती और प्रेम बड़ी संख्या में भक्तगण करते हैं।
भारत में एक समुदाय ऐसा भी है जो भगवान राम को अपना आराध्य ही नहीं बल्कि खुद को प्रेमिका मानकर जीवन यापन करता है। आप यह बात सुनकर चौंक रहे होंगे, लेकिन सौ फीसदी सच है। आप सोच रहे होंगे ऐसा कौन सा समुदाय है जो श्रीम राम की प्रेमिका समझकर जी रहा है।
वैसे भी प्रेम कोई वस्तु नहीं जिसे उठाकर कहीं भी रख दो, यह दो आत्माओं का मिलन होता है। प्रेम एक ऐसा जुनून है जिसमें सभी बाहरी भेद खत्म हो जाता हैं। दोनों तत्व मिलकर एक हो जाते हैं। बहुत ऐसे भक्त हुए जिन्होंने अपनी आराधना से भगवान को प्राप्त कर लिया।
यह समुदाय मानता है प्रेमिका
रामभक्ति एक एक ऐसा जुनून है जिसमें इंसान जब खोता है तो सब कार्य सफल हो जाते हैं। उनकी भक्ति के उदाहरण एक नहीं बल्कि बहुत मिल जाते हैं। इस भाव का साक्षी है अयोध्या का कनक भवन मंदिर है। यह वो मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि मां कैकेयी ने यह स्वर्ण भवन सीताजी को उनकी मुंह दिखायी पर दिया था।
श्रीराम और सीता के वनवास जाने से पहले दोनों इसी में रहते थे। श्रीराम से प्रेम करने वाला यह संप्रदाय इसी कनक भवन में उनकी आराधना कता है। श्रीराम से प्रेम करने वाले इस प्रेमी संप्रदाय को ‘राम रसिक’ नाम से से पुकारा जाता है, जिनकी भक्ति किसी से छुपी नहीं है।
राम रसिकों की आराधना है सबसे अलग
अयोध्या के रहने वाले प्रसिद्ध लेकर यतींद्र मिश्रा राम रसिक संप्रदाय के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से बताते हैं। वे कहते हैं कि, राम रसिक खूबसूरत संप्रदायों में से एक माना जाता है। उन्होंने भगवान से अपना विशेष रिश्ता भी जोड़ लिया है। प्रभू राम की आराधना करने का उनका तरीका बिल्कुल अलग माना जाता है।
वे भगवान राम को प्रेम और सौंदर्य के तौर पर याद करते हैं। वे कगहते हैं कि समुदाय के पुरुष-स्त्री भाव से भगवान की उपासना करते हैं। श्रीराम को वे अपना जीजा और खुद को उनकी साली मानते है। उनसे प्रेमिका की तरह प्रेम भी करते हैं। राम रसिक भगवान राम की आरती कर रहे होते हैं हैं तो वे सिर पर पल्लू डाले रहते हैं।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी यानी सोमवार को होनी है, जिसका तैयारी जोरों से चल रही हैं। यह देशभर के नामचीन लोगों को आमंत्रित किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में बतौर यजमान शामिल होंगे।