नई दिल्लीः चंद्रयान 3 की सफल लैंडिग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र(इसरो) की ओर से तमाम बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, जिसकी दुनियाभर में धूम सुनाई दे रही है। इसरो ने कुछ दिन पहले सूर्ययान की सफल लॉन्चिंग कर दुनिया के सामने अपनी कायमाबी का सबूत दिया था।
इसके बाद अब शनिवार सुबह एक बड़ा कीर्तिमान रच दिया है। इसरो ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा केंद्र से गगनयान मिशन को सफल लॉन्च कर दी है, जिसके बाद हर किसी के चेहरों पर काफी रौनक दिख रही है। गगनयान की लॉन्चिंग तय समय से कुछ देरी से की गई।
देरी की वजह तकनीकी कारणों को माना जा रहा है। सुबह दस बजे इसरो टीम ने लॉन्च करने की कोशिश की तो इसमें सफलता मिल गई। सभी भारतीयों ने टीवी पर लाइव प्रसारण देखा। इतना ही नहीं श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में कुछ लोगों ने इसे उपस्थित होकर भी देखा। साल 2023 की इसरो ने यह बड़ी सफलता हासिल की है, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है।
कब वापस होगा गगनयान
गगनाय मिशन की सफल लॉन्चिंग में तो इसरो ने सबका दिल जीत लिया, लेकिन इसकी वापसी की चर्चा तेज हो गई हैं। गगनयान की उड़ा में तीन हिस्से सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही उड़ान के समय टेस्ट व्हीकल सीएम और सीईए को ऊपर ले जाने का काम करेगी।
इसके बाद फिर अबॉर्ट परिस्थिति बनाई जाएगी। इतना ही नहीं अबॉर्ट का मतलब, दिक्कत होने पर अंतरिक्ष यात्री को मॉड्यूल सरक्षित वापस लिया जाना तय है। कैप्सूल की गति मैक 1.2 यानी 1431 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरने का काम करेगा।
इमसें 11.7 किलोमीटर की ऊंचाई से सीईएस रॉकेट से 60 डिग्री पर अलग रहेगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम 594 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 17किमी ऊपर जाना शुरू हो जाएगा। ऊपर पहुंचकर दोनों सिस्टम बिल्कुल अलग हो जाएंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से कुछ महीने पहले ही चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग करने के साथ सफल लैंडिग कर इतिहास बनाया था। इसके बाद इसरो ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सूर्ययान मिशन की लॉन्चिंग कर दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई।