UPSC निकालने के लिए कनिष्क कटारिया ने छोड़ी थी 1 करोड़ की नौकरी, सफलता के बाद गर्लफेंड के लिए कहा ऐसा कि सुनकर उड़े होश

Vipin Kumar
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नई दिल्लीः कहते हैं किसी काम को करने के लिए लग्न और मेहनत हो तो फिर मंजिल में आने वाली मुसीबतें भी रास्ता छोड़कर खड़ी हो जाती हैं। देश-दुनिया में ऐसे बहुत उदाहरण हैं, जो मेहनत के दम पर बड़े-बड़े मुकाम हासिल कर गए। बस मेहनत में इच्छा शक्ति और अपना समर्पण होना चाहिए। कोई एक करोड़ रुपये सालाना पैकेज वाली जॉब करने वाला शख्स पहले ही प्रयास में यूएससी में अधिकारी बन जाए तो दुनिया भर के लिए यह हैरानी जरूर होती है।

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लेकिन क्या आपको पता है कि यह सौ फीसदी सच है। ऐसा कारनामा करने वाले कोई और नहीं बल्कि जयपुर में रहने वाले कनिष्क कटारिया हैं, जिन्हें सफलता को एक नया रूप ही दे दिया। उनकी सफलता के साथ लव स्टोरी से भी पर्दा हट गया, जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। कनिष्क के मुताबिक, सफलता के पीछे गर्लफ्रेंड का बड़ा योगदान रहा।

गर्लफ्रेंड को मदद के लिए कहा थैंक्यू

एक करोड़ रुपये सालाना की जॉब छोड़कर यूपीएससी निकालने वाले कनिष्क कटारिया की चर्चा हर जगह हो रही है। यूपीएससी निकालने के बाद कनिष्क कटारिया मीडिया के सामने आए और खुलेआम ऐलान किया कि इस सफलता को प्राप्त करने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड को धन्यवाद देते हैं। कनिष्क के मुताबकि, जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का मन बनाया तो उनकी गर्लफ्रेंड ने पूरी साथ दिया।

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यही वजह थी कि कनिष्क विदेश में एक करोड़ रुपये सालाना की जॉब छोड़कर विदेश से स्वदेश लौट आया। इतना ही नहीं मेहनत से पढ़ाई कर पहले ही प्रयास में यूपीएससी का एग्जाम निकाल दिया। कनिष्क ने कहा,ये बहुत ही आश्चर्यजनक पल हैं। इतना ही नहीं उन्हें यूपीएससी में टॉप रैंक भी मिली। इसके लिए मैं अपने माता-पिता, बहन और अपनी गर्लफ्रेंड को मदद और सपोर्ट के लिए धन्यवाद देता हूं।

परिवार के ये सदस्य भी सिविल सर्विस में तैनात

कनिष्क कटारिया सिविल सर्विस के लिए चयनित होने वाले परिवार के पहले सदस्य नहीं हैं। उनके पिता औ चाचा भी सेवा दे रहे हैं। कनिष्क के पिता सांवर मल वर्मा एक IAS अधिकारी हैं और फिलहाल राजस्थान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक के पद पर तैनाती है। उनके चाचा केसी वर्मा जयपुर में डिविजनल कमिश्नर के तौर पर नियुक्त हैं। कनिष्क बताते हैं कि बचपन से ही उन्होंने अपने पिता और चाचा को देश के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में काम करते देखा।

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