नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है, जो अब सरकार को सदन में घेरते नजर आएंगे। राहुल गांधी अपने राजनीतिक जीवन में पहले बार सदन में नेता प्रतिपक्ष बने हैं। बुधवार को ध्वनिमत के साथ ओम बिरला को स्पीकर चुन लिया गया। पीएम नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गाधी ने ओम बिरलाको स्पीकर की कुर्सी पर बैठाया।
बीते दस साल से सरकार के सामने किसी पार्टी को 10 फीसदी सीटें नहीं मिलने की वजह से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था। इस बार कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 99 सीटों पर जीत दर्ज की। सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद लेने के लिए 54 सीटों पर जीत दर्ज करना बहुत ही जरूरी है। भारतीय लोकतंत्र में नेता प्रतिपक्ष का पद बहुत ही शक्तिशाली होता है, जिसकी कई सरकारी महकमों में दखलंदाजी भी होती है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री की तरह सुख सुविधाएं और सैलरी भी मिलती है।
नेता प्रतिपक्ष का पद इसलिए होता है महत्वपूर्ण
कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी जब से नेता प्रतिपक्ष बने तभी से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस पद के क्या मायने होते हैं। क्या आपको पता नहीं सदन में यह पद बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। दरअसल नेता प्रतिपक्ष विपक्ष की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही कई संयुक्त संसदीय पैनलों और चयन समितियों का भी हिस्सा रहता है।
इसमें सीबीआई के निदेशक, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकायुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को चुनने वाली समितियों में भी शामिल रहना होता है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी का इन फैसलों में काफी दखल वे रहती है। वे लगातार एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए मोदी सरकार पर हमलावर रहते हैं।
जानिए कितनी होती है नेता प्रतिपक्ष की सैलरी?
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष का पद ऐसा है जिसकी कई जिम्मेदारियां होती हैं। इस पद को संभालने वाले सदस्य को एक केंद्रीय मंत्री के बराबर सैलरी मिलती है। उसी के अनुरूप भत्ते और अन्य सुविधाएं भी मिल जाती हैं। नेता प्रतिपक्ष को हर महीने 3.30 लाख रुपये की सैलेरी मिल जाती है। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री के आवास के स्तर का बंगला भी प्रोवाइड कराया जाता है। इसके साथ ही गाड़ी मय ड्राइवर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है जिम्मेदारी निभाने के लिए 14 लोगों का स्टाफ भी दिया जाता है।