LOKSABHA ELECTION 2024: लोकसभा चुनाव की रणभेरी के बीच बीजेपी ने उम्मीदवारों की 5वीं लिस्ट जारी कर कई बड़े संकेत दिए। बीजेपी की सूची में देशभर की 111 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई गई, जिसमें कुछ दिग्गजों का पत्ता कटा तो कई को मौका दिया। इसमें सबसे ऊपर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और धारावाहिक सीरियल रामायण में श्रीराम का पाठ करने वाले अरुण गोविल का नाम शामिल है। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काटा गया, जिनके स्थान पर यूपी कैबिनेट में मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा।
टिकट कटने वाले नेताओं में सबसे ज्यादा चर्चा वरुण गांधी की हो रही है, क्योंकि वे चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भी खरीद चुके हैं। अब राजनीतिक हल्कों में यह चर्चा तेज हो गई है कि वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा? क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, या फिर सपा के सिंबल से ताल ठोंकते नजर आएंगे।
वरुण गांधी सपा से लड़ सकते हैं चुनाव?
बीजेपी के फायरब्रांड नेता वरुण गांधी का आखिरकार टिकट कट ही गया, जिसके बाद उनके सियासी भविष्य की चर्चा भी शुरू हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि पीलीभीत के सीटिंग सांसद किस पार्टी से चुनावी मैदान में होंगे। इसकी वजह की उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र पहले ही खरीद लिए थे, लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया है।
उनके पास अब दो विकल्प होंगे। एक तो वरुण गांधी के पास निर्दलीय चुनाव लड़ने का रास्ता खुला है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो फिर सपा की सदस्यता लेकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। वैसे सपा ने पीलीभीत से अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया है, लेकिन वरुण गांधी पार्टी से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो अखिलेश अपना उम्मीदवार वापस ले सकते हैं। सपा ने इस बात के संकेत दिए भी हैं।
वरुण को चुनाव लड़ाने पर अखिलेश ने क्या कहा?
तीन दिन पहले वरुण गांधी को सपा से चुनाव लड़ाने के सवाल पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि सभी के लिए हमारा दरवाजा खुला है। इससे कयास लगाए गए कि पार्टी वरुण गांधी को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर रुख अपनाएगी। अगर वरुण गांधी ने सपा से टिकट की पेशकश की तो फिर इसमें पार्टी मौका दे सकती है।
अब पीलीभीत से बीजेपी ने जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। फिलहाल वे योगी कैबिनेट में मंत्री हैं। इससे पहले जितिन प्रसाद कांग्रेस में शामिल रहे, जिन्हें राहुल गांधी के करीबियों के नाम से जाना जाता रहा। कुछ मनमुटाव के चलते उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था।