नई दिल्लीः लोकतंत्र के सबसे बड़े महोत्सव का रिजल्ट तो आ गया, जिसमें गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है। 10 साल बाद फिर ऐसा हुआ कि किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। दुनियाभर सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली बीजेपी 240 सीटों पर अटक गई, जो बहुमत के जादुई आंकड़े से 32 कम है। वैसे एनडीए गठबंधन के पास 292 सीटें हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की जरूरत है।
इंडिया गठबंधन के पास 234 सीटें हैं जो बहुमत से काफी दूर है। विपक्षी गठबंधन की नजरें एनडीए के घठक दलों पर टिकी हुई हैं। तेलगू देशम पार्टी(टीडीपी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लोकसभा की 16 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि नीतीश कुमार 12 सीटों पर विजय रहे। दोनों नेताओं के पास 28 लोकसभा की सीटे हैं, जो किंग मेकर बनकर उभरे हैं।
एनडीए को तोड़ने की कोशिश करेगा इंडिया गठबंधन
बहुमत के हिसाब से तो एनडीए की सरकार बनना लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इंडिया गठबंधन की तरफ से भी कोशिशें पूरी की जाएंगी। इंडिया गठबंधन के सीनियर नेता हर हाल में एनडीए के घटक दलों को तोड़ने की कोशिश करेंगे। सबकी नजरें चंद्रबाबू नायडू और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं कि वे क्या करते हैं।
हो सकता है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए इंडिया गठबंधन चंद्रबाबू नायडू को बड़ी भूमिका दे। नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन के साथ आने के दावे सोशल मीडिया पर खूब किए जा रहे हैं, लेकिन अभी आधिकारिक रूप से इस पर कुछ नहीं कहा गया है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने एनडीए के साथ ही बने रहने की बात कही है।
यूपी में बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी बड़ा झटका लगा, उसकी सहयोगी पार्टियों के कुछ नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी को कुल 33, अपना दल को 1 और आरएलडी 2 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। सुभासका प्रमुख ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर भी अपनी सीट नहीं बचा सके।
उन्हें घोसी लोकसभा से करीब 1 लाख 61 हजार वोटों से करारी शिकस्त मिली। यहां सपा के अजय राय शुरू से ही बढ़त बनाए हुए थे। सूबे में सबसे बड़ी पार्टी सपा बनी, जिसे 37 लोकसभा सीटों पर जीत मिली, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी 6 सीटें जीत ली।