Natural Paint: अब गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जा रहा है. यह पेंट पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल है। इस पेंट में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जिसके कारण यह न सिर्फ केमिकल युक्त पेंट से ज्यादा सुरक्षित होता है, बल्कि घर को ठंडा रखने का भी काम करता है।
गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट भी गैर विषैले और गंधहीन होते हैं। उन्नाव के नवाबगंज में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाएं न सिर्फ गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रही हैं बल्कि कई बहुउपयोगी वस्तुएं बनाकर आत्मनिर्भर बनने की कोशिश भी कर रही हैं।
आठ फायदों से भरपूर प्राकृतिक पेंट
गाय का दूध ही नहीं गोबर भी उपयोगी है। इस गाय के गोबर में कई शक्तियां छुपी हुई हैं जिसे आज वैज्ञानिक भी मानने को मजबूर हैं। अब इसी गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का काम उन्नाव के नवाबगंज में किया जा रहा है.
ब्लॉक मिशन मैनेजर अरविंद कुमार सोनी ने किसानों को भी बताया कि गोबर से बना यह पेंट नेचुरल प्रिंट के ब्रांड नाम से बेचा जाता है. यह प्राकृतिक पेंट बाजार में बिकने वाले केमिकल आधारित पेंट की तुलना में पूरी तरह सुरक्षित है और पर्यावरण के अनुकूल भी है।
बाजार में बिक रहा पेंट जहरीला है। इसमें तीखी गंध भी होती है जबकि प्राकृतिक पेंट गैर विषैला होता है। इसमें कोई गंध नहीं है. यह एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इस पेंट को अंदर और बाहर की दीवारों पर लगाया जा सकता है।
डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट की तुलना में यह घर को ठंडा रखने में भी मदद करता है। इस पेंट में सीसा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसी कोई धातु मौजूद नहीं है। यह बाजार के पेंट से आधे दाम पर बिक रहा है। वैदिक होने के साथ-साथ लोगों को इस पेंट की कीमत भी पसंद आ रही है जिसके कारण आने वाले दिनों में इसकी मांग तेजी से बढ़ने की संभावना है।
इन महिलाओं को पहचान गोबर पेंट से मिली
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत नवाबगंज, उन्नाव में गोबर पेंट प्लांट स्थापित किया गया है, जिसका संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। यहां काम करने वाली महिला मिथिलेश ने बताया कि इस पेंट की वजह से हम महिलाओं को न सिर्फ पहचान मिली है बल्कि आत्मनिर्भर बनने में भी खास मदद मिल रही है.
समूह की आधा दर्जन से अधिक महिलाओं को पेंट निर्माण में रोजगार भी मिला है। पहले हमें पैसों के लिए अपने घर के पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब समय बदल गया है। गाय के गोबर से तरह-तरह की वस्तुएं बनाकर महिलाएं हर महीने 5000 रुपये तक कमा लेती हैं.