EPFO NEWS: अगर आपके पास EPF खाता हैं तो ये खबर आपके लिए खास हो सकती है। EPFO के द्वारा खातों पर कंट्रोल रखने के लिए एक नया नियम लागू किया गया है। वहीं ईपीएफओ ने धोखाधड़ी और अनऑथोराइज खातों की निकासी पर रोक लगाने के उद्देश्य से डीएक्टीवेट खातों को कंट्रोल करने के लिए नियम लागू किया है। नए नियमों के तहत डीएक्टीवेट खातों के लिए एसओपी को भी अपडेट किया है। जिसमें सख्त वैरिफिकेसन प्रोसेस को शामिल किया गया है।

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2 कैटेगरी में खाते को किया गया डिवाइड

आपको बता दें ईपीएफओ के द्वारा कम ट्रांजेक्शन वाले खातों का कंट्रोल रखा जाएगा। ऐसे में खाते जिनमें ये तय होता है कि कोई भी क्रेडिट या फिर डेबिट नहीं किया गया है उनको बिना किसी ट्रांजेक्शन वाले खातों की कैटेगरी में तय किया गया है।

UAN नंबर का होना है जरुरी

वहीं आपको बता दें नए नियमों के तहत सभी डीएक्टीवेट खातो के लिए यूएएन नंबर जनरेट करना काफी जरुरी है। जिन सदस्यों के डीएक्टीवेट खाते यूएएन से जुड़े नहीं है। उनको बायोमेट्रिक वैरिफिकेशन और फोटो को कैप्चर करने के लिए ईपीएफओ या फिर कैंप में जाना होगा। इस प्रोसेस का उद्देश्य दावेदारों की पहचान को अप्रूव करके फ्रॉड से रोकना है।

केवाईसी अपडेट है जरुरी

वहीं आपको बता दें जिन खातों में यूएएन नंबर हैं लेकिन सहीं तरीके से केवाईसी की जानकारी नहीं है। उन खातों की केवाईसी करनी जरुरी है। इसको नियोक्ताओं के जरिए से या फिर सीधे ईपीएफओ कार्यालय में हो सकता है। यूएएन नंबर और केवाईसी अपडेट के प्रोसेस खाते के बैलेंस पर निर्भर करेगा। इसमें खाते के लिए सीनियर अधिकारियों से भी परमीशन लेना काफी जरुरी होगा।

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नया वैरिफिकेशन प्रोसेस

एसओपी के जरिए डीएक्टीवेट खातों को अनब्लॉक करने के लिए वैरिफिकेशन को शुरु किया गया है। इस प्रोसेस में डिजिटल और फिजिकल रिकॉर्ड का वैरिफिकेशन भी होगा। इसके अलावा नियोक्ता का अप्रूवल जरुरी है। इसके साथ में जांच भी करानी होगी। इस सुरक्षा का सीा सा उद्देश्य पीएफ खातों के गलत उपयोग को रोकना है। ईपीएफओ के ग्राहक इस नियम को लेकर बेहद सावधान रहें।