नई दिल्लीः इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच कतर से एक ऐसी खबर आई कि भारत सरकार भी हैरान रह गई। कतर की एक अदालत ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को सजा ए मौत सुनाई गई। इसके बाद सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब यह मुद्दा देश ही नहीं दुनियाभर में छाया हुआ है। दूसरी ओर केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस बात पर जोर दे रही है। सभी भारतीयों की सजा रोके के लिए सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पूर्व नौसैनिकयों की रिहाई के लिए सरकार हर संभव कानूनी दांव पेंच अपनाएगी। सभी विकल्पों पर मंथन किया जा रहा है।
विदेश मंत्री ने फांसी की सजा पाने वाले 8 परिवारों से की मुलकात
कतर की अदालत द्वार फांसी की सजा पाने वाले सभी पूर्व 8 नौसैनिकों के परिजनों से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इतना ही नहीं एस जयशंकर ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है।
मुकलात में पीड़ित परिवार वालों से कहा कि भारत सरकार इस मामले को सर्वोच्च महत्व दे रही है, जो सभी भारतीय की सजा रोकने के लिए काफी तेजी से काम कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कतर की अदालत से भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद, भारत सरकार अदालत में अपील करने जैसे कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
सरकार रिहाई के लिए करेगी अपील
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा एक्स पर पोस्ट किया कि कहा कि कतर में हिरासत में लिए गए 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व देने का काम करेगी।
इसके साथ हपरिवारों की चिंताओं और दर्द को साझा किया। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, समाधान खोजने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करने का काम किया जा रहा है। पता चला है कि भारत को कतर की अदालत के फैसले की प्रति अभी तक नहीं मिली है। अदालत के फैसले पर कतर की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि ये सभी लोग अपनी रिटायरमेंट के बाद दोहा की एक कंपनी में कार्यरत थे। इन भारतीयों पर इजरायल के लिए कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट की गुप्त जानकारी चुराने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में ही कोर्ट की एक अदालत ने फांसी की साज सुनाई है।