नई दिल्ली- राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं। वहां मुसीबतें बढ़ती जा रही। और सभी पार्टियों में चर्चाएं तेज हो रही है कभी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती दिखाई देती है। तो कभी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई देती हैं। इस बीच आपको बता दे की भरतपुर में महापंचायत होने के बाद अब कांग्रेस की मुसीबतें एक बार फिर से बढ़ती हुई दिखाई दे रही है क्योंकि पार्टी के विधायक को गांव में नहीं घुसने देने का फरमान जारी कर दिया गया आखिरकार यह कौन से विधायक आइए हम आपको बताते हैं
विधानसभा चुनाव आने से पहले ही कांग्रेस के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है क्योंकि कांग्रेस विधायकों के खिलाफ जनता में नाराजगी देखने को मिल रही है। अगर भरतपुर जिले की बात करें तो यहां पर नदबई विधानसभा की 23 ग्राम पंचायत ने महापंचायत का बड़ा आयोजन किया है। इस दौरान नदबई में कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना को क्षेत्र में नहीं घुसने का फरमान सुनाया गया है। बता दे की सेवक पंचायत समिति ने 23 ग्राम पंचायत को तोड़कर उज्जैन ग्राम पंचायत में शामिल करने के लिए कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने जिला कलेक्टर और राजस्व मंत्री को एक पत्र लिखा था।
जिसमें पता लगाने के बाद पता चला कि आज जयपुर आगरा नेशनल हाईवे के पास लुधवाई मंदिर के पास क्षेत्र के लोगों ने विधायक के खिलाफ महा पंचायत का बड़ा आयोजन किया गया। इसको लेकर विधायक के खिलाफ अलग-अलग तरीके की बातें भी कही गई है।
एक तरफ सवाल यह है कि वहां के लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रिपीट करने का दावा कर रहे हैं और कांग्रेस मिशन 156 पर पूरा करने का ऐलान कर रही लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस विधायकों के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। उनके क्षेत्र में उन्हें घुसने देने से मन का फरमान जारी किया गया है। ससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दवा आगामी विधानसभा चुनाव में सफल प्रतीत होता क्या?
बता दे कि लोगों का कहना है। कि विधायक ने जमकर भ्रष्टाचार किया जिससे पूरी तरीके से जनता हटा से परेशान है। चाहे लोगों को सड़क में आना पड़े विधायक को क्षेत्र में नहीं घुसने दिया जाएगा। 2018 में विधानसभा चुनाव में जीतकर जनता ने बड़ी गलती की थी। जहां से कांग्रेस विधायक जोगेंद्र सिंह आए थे। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता वहीं उन्हें वापस भेज देगी।