नई दिल्ली- बीजेपी ने गुरुवार को राजस्थान में आगामी चुनाव को देखते हुए दो समितियां की घोषणा की बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी के आगे बढ़ते हुए। चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प पत्र समिति का गठन किया इन समितियां की घोषणा के बाद हर कोई हैरान है। क्योंकि इन समितियां में एक नाम शामिल नहीं और वह नाम है वसुंधरा राजे का राजनीतिक हल्का में चर्चा का बाजार गर्म हो चुका है
हर तरफ वसुंधरा राजे की बीजेपी में भूमिका क्या होगी या सवाल पूछा जा रहा है जब यह सवाल प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाकी सभी वरिष्ठ नेता है। प्रचार करेंगे।
प्रभारी अरुण सिंह के इस बयान के बाद राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों ने नई बहस छोड़ दी है। अरुण सिंह के इस बयान को वसुंधरा राजे के लिए नेगेटिव रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे संकल्प समिति की हिस्से में नहीं थी।
जुलाई महीने में एबीपी से गोटन राजस्थान को लेकर चुनाव से पहले बड़ा ओपिनियन पोल करवाया जिसमें लोगों से प्रदेश में कम फेस को लेकर सवाल पूछा गया था इस दौरान लोगों ने बीजेपी कांग्रेस से नेताओं के नाम बताएं इस पल में बीजेपी की ओर से सर्वे में सामने आया कि लोग वसुंधरा राजे को कम के रूप में देखना चाहते हैं सर्वे में 36% लोगों ने ही वसुंधरा राजे के समर्थन में वोट किया था जो भाजपा नेताओं में सबसे अधिक पर था जबकि 9% लोगों ने गजेंद्र सिंह शेखावत 8% लोगों ने राजेंद्र राठौड़ और साथ की स्थिति लोगों ने अर्जुन मेघालय को अपनी पसंद बताया था।