नई दिल्ली- राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कमान पूरी तरह से अपने हाथों में ले ली है। वही चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फ्री कर दिया गया है। जबकि संगठन में जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। उनका काम चुनाव लड़ने का नहीं बल्कि लगवाने का होगा।
दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को राजधानी जयपुर में थे 15 दिन में दूसरी बार जयपुर दौरे पर आए नड्डा ने साफ संकेत दे दिए हैं। कि पार्टी के जो संगठन पदाधिकारी चुनाव लड़ना चाहते हैं। या फिर चाहते थे उनको ठीक ढंग से चुनाव लड़ने के लिए फ्री हैंड कर दिया गया है साथ ही नए लोगों को संगठन में चांस दिया गया है। नड्डा के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इससे यह भी साफ होता है कि संगठन पदाधिकारियों के चुनाव नहीं लड़ने के नियम को राजस्थान में लागू किया जाएगा।
नड्डा के इस बयान ने कई बड़े नेताओं को भी टेंशन दे दी हाल ही में केंद्रीय संगठन का विस्तार हुआ है। जिसमें राजस्थान से तीन नेताओं को जगह दी गई। नई कार्यकारिणी में जहां वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है। तो वहीं राष्ट्रीय सचिव के रूप में अलका गुज्जर को बरकरार रखा गया है। जबकि राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर सुनील बंसल बने रहेंगे।
वहीं केंद्रीय संगठन में नियुक्त और जेपी नड्डा के बयान के बाद एक बयान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी सामने आया जिसमें राजे ने कहा कि मैं जब राजस्थान की राजनीति में आई तब मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा जो आज भी काम करना पढ़ रहा है। सियासी हलकों में राजे के इस बयान के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
वहीं से पहले राजस्थान भाजपा के संगठन का विस्तार किया गया था। जिसमें बाबा बालक नाथ सुखबीर सिंह जयपुरिया सी आर चौधरी के अलावा सरदार अजय पाल मुकेश सहित कई लोगों को शामिल किया गया था।