नई दिल्लीः अयोध्या में बनकर तैयार हुआ भव्य राम मंदिर में रामलला को 22 रजनवरी को विराजमान किया जाएगा, जिस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। पूरा देश इन दिनों राम मय नजर आ रहा है, जिसके चलते जगह-जगह प्रभू के भजन और कीर्तन से हर कोई मंत्रमुग्ध हो रहा है।
श्रीराम भक्त अलग-अलग तरीके से अपने पलों को संजोने का काम कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा होने में अब बहुत ही कम समय बच है, जिसी प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। देश के पीएम नरेंद्र मोदी इन रामलला प्राण प्रतिष्ठा में यजमान होंगे। दूसरी ओर एक ऐसा भी राम भक्त है जिसने कई दिनों की मेहनत करके बालू मिट्टी के माध्यम से श्री राम मंदिर की कलाकृति बनानकर प्रभू को समर्पित किया है। कलाकृति में कितना समय लगा और किसने बनाई, यह जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल नीचे तक ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
जानिए कितने दिनों में तैयारी हुआ कलाकृति
22 जनवरी से पहले देशभर में श्रीम के जयकारों की गूंज जमीं से आसमान तक सुनाई दे रही है। इस बीच पुष्कर के सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने सबसे बड़े राम मंदिर की ऐसी कलाकृति बनाई कि सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसके साथ ही अजय रावत के मुताबिक, करीब एक महीने पहले मैंने कलाकृति बनाने का आगाज किया था वो अब पूरा हो चुका है।
पुष्कर स्थित रेत के थोरो में बालू मिट्टी का राम मंदिर बनाकर बिल्कुल तैयार कर दिया है। इसके बाद अब कलाकृति की 20 जनवरी को वैदिक मंत्रोच्चर के साथ पूजा अर्चना कर शुरुआत भी कर दी गई है। अद्भुत कलाकृति को बनाने में प्रतिदिन काफी काम किया गया है।
कलाकृति के निर्माण में किया रोजाना काम
आर्टिस्ट अजय राव के अनुसार, राम मंदिर की कलाकृति बनाने के लिए प्रतिदिन तीन से चार घंटे काम किया गया है। इसे बनाने में 10 ट्रैक्टर से ज्यादा बालू मिट्टी काम में इस्तेमाल की गई है। इसके साथ ही अजय बताते हैं कि इसके पहले भी उन्होंने बालू से कई मंदिर और कलाकृतियां बनाने का काम किया है। वहीं, बीते 12 सालों से वह इस काम में हैं और वह लगातार इस तरह का काम कर रहे हैं। इस राम मंदिर की तैयारी की गई कलाकृति की तर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो तेजी से हो रही है।
अब तक बनाई इतनी कलाकृति
आर्टिस्ट अजय रावत के मुताबिक, राम मंदिर की कलाकृति बनाने में उन्हें हर दिन कड़ी मेहनत की है। इसके बाद राम मंदिर की कलाकृति बनकर तैयार हुई है। वह अभी तक एक हजार से ज्यादा कलाकृतियां बनाने का काम कर चुके हैं। रेत से कलाकृति बनाने का काम अजय रावत बहुत छोटी उम्र से ही करने का काम कर रहे हैं।