नई दिल्ली- मऊ में स्याही कांड के बाद अब जूता कांड की चर्चा लगातार उत्तर प्रदेश में फैली हुई है। हर तरफ जूता कांड को लेकर अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। अभी इसी बीच बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी अपने पिता के ऊपर जूता कांड के बाद बयान दिया उन्होंने कहा कि जूता फेंकने की घटना को सुनकर बहुत हैरान हूँ।
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर जूता फेक जाने की घटना सामने आई थी ओबीसी महासम्मेलन के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया था अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर जूता फेक जाने की घटना पर उनकी बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य अपनी प्रक्रिया दिए संघमित्रा मौर्य ने कहा कि उनके पिता पर जूता फेक जाने के सवाल बहुत लोगों से पूछे गए लेकिन यह राजनीतिक घटना यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। बीजेपी सांसद ने कहा एक जनप्रतिनिधि होने के नाते लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते हमें लगता है। कि इस हद तक किसी का भी गिरना गलत है।
उन्होंने आगे कहा यह शुरुआत जहां तक मुझे याद है। कि साल 2008 में हुई थी। साल 2008 में एक नेता के ऊपर जूता फेंका गया था और उसके बाद जूता फेंकने वाला हीरो बन गया चुनाव लड़ा 2009 में और गृहमंत्री बन गया था। ऊपर से जूता फेंका गया लेकिन पत्रकार बंधुओ से भी निवेदन है कि जूता फेंकने की घटना को पक्ष में दिखने की वजह विपक्ष में दिखाने का प्रयास करें यानी कि जो जूता 2008 में फेंका गया था। उसे जूते को 2023 के जूते से मिलकर ना दिखाएं इस बयान को लेकर अब अलग-अलग चर्चाएं हो रही है। उन्होंने आगे कहा हमें लगता है जूता फेंकना स्याही फेंकना यह राजनीतिक कहानी का एक रूप है इसी बहाने हम फेमस होंगे। लोग सोचते हैं कि हम अपनी पार्टी का नाम कर लेंगे लेकिन इससे लोकतंत्र की हत्या हो रही है। लोकतंत्र इस हद तक गिर जाएगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
जैसे ही स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर आकाश सैनी नाम के शख्स ने जूता फेंका वहां मौजूद समाजवादी पार्टी के समर्थक आकाश सैनी को लाभ जूते से जमकर पीट दिया यही नहीं उसकी हालत गंभीर हो गई लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।