UP POLICE EXAM DATE: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा की तारीख को लेकर हर किसी अभ्यर्थी का इंतजार है। सभी उम्मीदवार परीक्षा की नई तारीख के लिए शासन के आदेश की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार सितंबर-अक्तूबर महीने तक यूपी पुलिस का पेपर करा सकती है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल होंगे। पुलिस का पर्चा किसी तरह से लीक नहीं हो, इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
इसी भर्ती का पहले पेपर लीक हो चुका है, जिसके बाद छात्र सड़क पर उतर आए। इतना ही नहीं विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने भी राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। छात्रों और विपक्ष के हमलों को देखते हुए यूपी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी। अब दुबारा तरीके से तैयारी तेजी से चल रही है। अभी परीक्षा की तारीख पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन मीडिया की खबरों में इस तरह का दावा किया जा रहा है।
जानिए कब होगी पुलिस भर्ती की परीक्षा?
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की तरफ से जल्द ही जल्द ही परीक्षा की तिथि पर मुहर लगनी संभव मानी जा रही है। पहले जून में तारीख आने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं है। अब 15 जुलाई तक विभाग की तरफ से परीक्षा की तराीख निर्धारित की जा सकती है, जिसके बाद हर किसी के चेहरे पर काफी रौनक देखने को मिलेगी। करीब 50 लाख अभ्यर्थी बड़े बेसब्री से एग्जाम की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। परीक्षा इस बार भी दो पालियों में 2 दिन में कराई जाएगी, जिसके लिए सख्त नियम बनाए जा रहे हैं।
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में तलाशी ली जाएगी। विभाग के मतलब है कोई भी परीक्षा में गड़बड़ी नहीं कर सके, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। वहीं, प्रोन्नति बोर्ड ने रेडियो ऑपरेटर, हेड मैकेनिक ऑपरेटर, असिस्टेंट ऑपरेटर और वर्कशॉप स्टाफ परीक्षा 2022 की आखिरी उत्तर कुंजी जारी कर दी है, जिसे आप डाउनलोड कर अपने सवालों का मिलान कर सकते हैं। 2022 की फाइनल आंसर की जारी कर दी है.
पेपर लीक होते ही कैंसिल कर दी गई थी परीक्षा
उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में करीब 40 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा होने के बाद पेपर लीक होने की खबर ने जोर पकड़ लिया। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को पेपर कौड़ियों दाम बिका। फिर बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर आ गए और जमकर विरोध करने लगे। विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी सड़कों पर आ गई। चौतरफा दबाव और सिर पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार ने पेपर कैंसिल कर दिया था।