नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किए जाने का कड़ा विरोध किया। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह विधायिका को जबरन आगे धकेलने (बुलडोजर चलाने) जैसा है। उन्होंने सदन में सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को लेकर भी सवाल उठाए। वहीं अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सफाई दी कि सरकारी और गैर सरकारी दोनों संशोधनों को बराबर समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जा रहा है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विधेयक पर चर्चा हो रही है।

तीखी बहस देखने को मिली

किरेन रिजिजू ने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि वक्फ बोर्ड का काम वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करना नहीं है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 25(1) का हवाला देते हुए कहा कि सरकार किसी भी धार्मिक गतिविधि में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने आगे कहा, “इस विधेयक का किसी मस्जिद या मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़ा मामला है।” उनके इस बयान के बाद लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली है।

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि गैर-मुस्लिम कैसे मुसलमानों के अधिकारों के दायरे में आ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 में जब चुनाव नजदीक थे और आचार संहिता लागू होने वाली थी, तब 5 मार्च 2014 को यूपीए सरकार ने 123 बेशकीमती संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोई राजनीतिक लाभ नहीं हुआ, क्योंकि जनता अब काफी समझदार हो गई है।

सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां भारत में हैं

यही वजह है कि इस कानून में संशोधन की जरूरत है। किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक केवल वक्फ संपत्तियों से संबंधित है, मस्जिदों से नहीं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ प्रावधान किए गए हैं, जिसके अनुसार कम से कम 5 साल तक वकालत करने वाला व्यक्ति ही वक्फ मामलों को देख सकता है। उन्होंने कहा, “शिया, सुन्नी, पिछड़ी जातियों के लोग और महिलाएं सभी इसका हिस्सा हो सकते हैं।” किरण रिजिजू ने आगे सवाल उठाया कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां भारत में हैं, फिर भी गरीब मुसलमानों के लिए आज तक कुछ क्यों नहीं किया गया? उन्होंने इस बिल का विरोध करने वालों से पूछा कि अगर इतनी वक्फ संपत्ति है, तो उसका गरीब मुसलमानों के हित में सही इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है?

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