किस तरह के खानपान से बढ़ता है बांझपन का खतरा – डॉ चंचल शर्मा

Snehlata Sinha

आजकल जिस तरह की जीवनशैली हमारी होती जा रही है उसमे लोगों के पास काम का स्ट्रेस, करियर की टेंशन, पारिवारिक जिम्मेदारियां इतनी बढ़ गयी हैं कि लोगों के पास खुद का ख्याल रखने के लिए समय का अभाव हो जाता है। अक्सर लोग जल्दबाजी के चक्कर में प्रोसेस्ड फ़ूड, पैकेजड फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड का अत्यधिक सेवन करने लगे हैं और इससे उनके स्वास्थ्य पर नाकारात्मक असर होता है। महिलाओं में और पुरुषों में यही लापरवाही भविष्य के लिए खतरा बन सकती है और आपके माता पिता बनने के सपने को चकनाचूर करके रख देती है।

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आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा इस विषय में बताती हैं कि खान पान में होने वाली लापरवाही कई बार आपके लिए बांझपन का कारण बन सकती है।

खानपान किस तरह आपके प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है ?

यदि आप संतुलित मात्रा में आहार ग्रहण नहीं करते हैं तो उससे आपके शरीर के अंदर पाए जाने वाले दोषों का संतुलन भी बिगड़ जाता है जिसकी वजह से पूरी कार्य प्रणाली प्रभावित होती है। विशेषज्ञ की माने तो आयुर्वेदा के अनुसार शुक्र धातु (reproductive धातु) आहार धातु से सबसे अंत में पोषित होता है। शुक्र धातु की हेल्थ बाकि सभी धातुओं के पोषण पर निर्भर करती है। इसलिए किसी भी महिला को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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महिलाओं में खानपान में लापरवाही के कारण कुपोषण या पीरियड्स में अनियमितता जैसी समस्या आ सकती है जो कहीं न कहीं उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। वहीँ पुरुषों में भी आहार सम्बन्धी दोष की वजह से स्पर्म काउंट, स्पर्म की गुणवत्ता आदि प्रभावित हो सकता है, जो आगे चलकर इन्फेर्टिलिटी का कारण भी बन सकता है।

खानपान से होने वाले बाँझपन के खतरे के कैसे बचें ?

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आप अपने डॉक्टर से मिलकर डेली डाइट की एक लिस्ट बनवा सकते हैं जिसके अनुसार आप नियमित रूप से स्वास्थ्य भोजन ग्रहण करेंगे और इनफर्टिलिटी की समस्या से दूर रहेंगे। आप उन खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें जिससे आपकी बॉडी एलर्जिक है। साथ ही कुछ चीजों को अपने आहार में अवश्य शामिल करें ताकि आप आसानी से कन्सीव कर सकें।

अपने खानपान में किन चीजों को शामिल करें ?

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आपको अपने आहार में फ्रेश फ्रूट्स और सब्जियां को शामिल करना चाहिए और बासी खाने से परहेज करना चाहिए। whole ग्रेन का सेवन करें।
मुंग की दाल में फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करती है, इसलिए आप अपने आहार में हफ्ते में दो से तीन मील में इसको शामिल कर सकते हैं।
शरीर में माइक्रो नुट्रिएंट्स जैसे मैग्निसियम, सल्फेट्स आदि की मात्रा को नियंत्रित रखने के लिए आप ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकती है। दिन के चार बादाम, एक अंजीर, 10-12 किसमिस आदि को भिगोकर नियमित रूप से खा सकती हैं।
जूसी फ्रूट्स रस धातु के पोषण में सहायक होते हैं इसलिए इनका भी उचित मात्रा में सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
Fruits as a whole जैसे पेठा आदि खाने से हेल्थी बेबी बनता है इसलिए इनका सेवन जरूर करें। spices का सेवन एक नियंत्रित मात्रा में अग्नि को दीप्त रखने के लिए डॉक्टर की सलाह से कर सकते हैं।
इन सारे आहार के साथ आपको अपने पाचन का ख्याल रखना सबसे जरुरी है इसके लिए आप नियमित रूप से walk या exercise(व्यायाम) कर सकते है।
किस तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए ?

आपको अपने आहार में नशीली पदार्थों, स्मोकिंग, अत्यधिक कैफीन के प्रयोग, आदि से परहेज करना चाहिए और एक स्वस्थ जीवनशैली पर केंद्रित करना चाहिए। यहाँ यह ध्यान रखना चाहिए कि तरह की इनफर्टिलिटी का उपचार संभव है बस आपको अपने आहार और जीवनशैली में थोड़े बदलाव करने की आवश्यकता है।

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