नई दिल्ली: भारत बनाम श्रीलंका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला आज कोलंबो में खेला जाना है। भारतीय टीम इस सीरीज में 0-1 से पिछड़ रही है और उसके लिए ये करो या मरो का मैच है।
पहले दो मैचों में विराट कोहली का खामोश रहा है। दोनों ही मैचों में वो एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौटे। ये बात उनके लिए और टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। वनडे में विराट कोहली के रिकॉर्ड देखे तो वो 294 मैचों में सिर्फ 18 बार एलबीडब्ल्यू हुए हैं। इससे पहले भी एक बार ऐसा हुआ था जब वो लगातार दो मैचों में एलबीडब्ल्यू आउट हुए थे।
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर इस बात को लेकर काफी चिंतित नजर आए और सीरीज के आखिरी मैच से पहले नेट्स पर खड़े होकर विराट की बल्लेबाजी पर नजर रखते देखे गए। शुरुआती दो मुकाबलों में रोहित शर्मा के अलावा कोई कोई भी अन्य खिलाड़ी खास कमाल नहीं कर पाया है और श्रीलंकाई स्पिनरों ने भारतीय मिडिल ऑर्डर को काफी परेशान किया है।
ये साल विराट कोहली के लिए लिमिटेड ओवर क्रिकेट का आखिरी साल है। वो अब सिर्फ टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे। आईपीएल में उन्होंने रनों की बौछार की लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका बल्ला खामोश रहा है। वनडे में 50 शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज विराट कोहली से उम्मीद है कि वो आखिरी मैच में धमाल मचाएंगे।
क्या है कोहली के संघर्ष की वजह?
विराट कोहली के लगातार एलबीडब्ल्यू होने की वजह समझने के लिए उनकी तकनीक पर गौर करना जरूरी है। कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि श्रीलंकाई स्पिनरों की गेंदों की उछाल और स्पिन से कोहली को दिक्कत हो रही है। इसके अलावा, कोलंबो की पिच भी स्पिनरों की काफी हद तक मददगार रही है।
विराट कोहली पर बढ़ते दबाव का असर उनके खेल पर भी पड़ सकता है। लगातार असफलता और आखिरी लिमिटेड ओवर मैच खेलने का तनाव उनके मन पर हावी हो सकता है। ऐसे में टीम इंडिया को भी कोहली को सहारा देने की जरूरत है।
क्या भारत बदल सकता है अपनी रणनीति?
भारतीय टीम को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। हो सकता है कि बल्लेबाजी क्रम में बदलाव या अलग तरह के गेम प्लान से कोहली को राहत मिल सके। साथ ही, श्रीलंकाई टीम कोहली को कैसे आउट कर रही है, इस पर भी ध्यान देना होगा।
फैंस की उम्मीदें विराट कोहली से बहुत ज्यादा हैं। सोशल मीडिया पर लोग लगातार उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि वो जल्द ही अपनी पुरानी लय हासिल कर लेंगे। अब देखना ये है कि विराट कोहली इस दबाव को कैसे संभालते हैं और क्या वो आखिरी मैच में टीम इंडिया को जीत दिला पाते हैं।