क्रिकेट के भगवान के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर ना जाने कितने युवाओं के प्रेरणा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाला यह खिलाड़ी आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है।इस सफलता को प्राप्त करने के लिए सचिन तेंदुलकर ने कड़ी मेहनत की है और सभी ग़लत आदतों से दूर रहे हैं। इसी को लेकर सचिन तेंदुलकर ने बड़ा बयान दिया है।
तंबाकू के हैं सख्त खिलाफ
भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक बड़ा खुलासा किया है। इस मौक़े पर खुलासा करते हुए सचिन ने बताया कि उन्होंने हमेशा अपने पिता की बात मानी और तंबाकू से जुडी हुई किसी भी चीज़ का कभी प्रचार नहीं किया। शतकों के शहंशाह सचिन रमेश तेंदुलकर ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें तंबाकू उत्पादों का प्रचार करने के लिए मना किया था।
एक टीवी चैनल पर बातचीत करने के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जब उन्होंने भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने की शुरूआत की तब वह स्कूल से निकले थे। इसके बाद उन्हें कई विज्ञापनों के ऑफर मिलने लगे थे, लेकिन उनके पिता ने उन्हें तंबाकू से जुड़ी हुई चीज़ों को बढ़ावा नहीं देने को कहा। सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा कि उन्हें तंबाकू से जुड़े हुए कई विज्ञापनों के ऑफर मिले लेकिन उन्होंने कभी भी उस ऑफर को स्वीकार नहीं किया।
सचिन तेंदुलकर कहते हैं कि उन्होंने 2 साल तक अपने बल्ले पर किसी भी तरह का कोई स्टीकर नहीं लगाया था, जबकि बाक़ी खिलाड़ी सिगरेट की कंपनियों को बढ़ावा दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उन्हें अपने बल्ले पर स्टीकर लगाने की सलाह दी थी, लेकिन अपने पिता द्वारा दी गई सलाह के आगे उन्होंने उन सभी लोगों की बात को मानने से मना कर दिया।सचिन तेंदुलकर ने कहा कि वह हमेशा तंबाकू से जुडी हुई चीज़ों से दूर रहे और अपने पिता से किया हुआ वादा कभी नहीं तोड़ा।