नई दिल्ली: टीम इंडिया के खिलाड़ियों के प्रदर्शन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों के लिए यो यो टेस्ट और डेक्सा टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। अब वही खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बना पाएगा जो इन दोनों टेस्ट को पास करेगा, इस नियम से पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर ना खुश नजर आ रहे हैं और उन्होंने सवाल उठाते हुए बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया है। सुनील गावस्कर का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए प्रदर्शन और फिटनेस अहम होना चाहिए ना कि यो यो टेस्ट। उन्होंने क्या कुछ कहा हम आपको बताते हैं।
अक्सर देखा जाता था कि जब कोई खिलाड़ी यो यो टेस्ट पास नहीं कर पाता था तो भी उसे टीम में मौका दे दिया जाता था पर अब से भारतीय टीम में ऐसा कतई नहीं होगा क्योंकि बीसीसीआई ने यो यो और डैक्सा टेस्ट को अहम कर दिया है पर गावस्कर इससे काफी नाराज़ है उन्होंने अपने कॉलम में लिखा है कि, “एक समय जब फिटनेस की सनक टीम को चढ़ी थी, तब हमारे दो खिलाड़ी रिटायर हो गए थे। उस समय अलग-अलग प्रारूप के लिए टीम में अलग-अलग मैनेजर थे वह दो खिलाड़ी फिट नहीं थे पर लोंग डिस्टेंस रनिंग करते थे।” गावस्कर ने अपने क्रिकेट के दिनों को याद करते हुए कहा कि, “जब मैंने स्कूल क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब मै मैदान के कुछ राउंड ही लगा पाता थाऔर मेरी पिंडली की मांसपेशी अकड़ जाती थी। क्योंकि मेरी पिंडली की स्थिति ही ऐसी थी कि वह बहुत ज्यादा नहीं दौड़ पाता था।” अपने पुराने दिनों को याद करते हुए गावस्कर कहते हैं कि एक समय पर जब टीम मैनेजर ने उनसे कहा कि आप दौड़ लगाई, तब वह दौड़े और उनकी पिंडली की मांसपेशियों अकड़ गई उसके बावजूद भी टीम मैनेजर ने उनसे दौड़ने के लिए कहा। इस पर गावस्कर ने उससे कहा था कि, अगर आप ज्यादा दौड़ने के हिसाब से प्लेइंग इलेवन का चयन करने वाले हैं तो मुझे मत चुनिए। गावस्कर का मानना है कि आप फिटनेस को देखिए और अहमियत प्रदर्शन पर दीजिए ना कि यो यो टेस्ट और दूसरे टेस्ट पर।