मुंबई: महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी शिवसेना यूबीटी ने अपने मुखपत्र सामना में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की आलोचना की है. इस बार बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने ‘हिंदू गांव’ बनाने के विचार के चलते उद्धव ठाकरे गुट के निशाने पर आ गए हैं. दरअसल, सामना के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राउत ने धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू गांव के विचार को ‘शर्मनाक’ करार दिया है. संपादकीय में लिखा है, “वक्फ बिल के चलते देश में धार्मिक ध्रुवीकरण हो रहा है. बीजेपी का ‘हिंदुत्व’ देश को बांटने वाला है.
20 घंटे बहस हुई
इसी क्रम में ‘ब्रांड एंबेसडर’ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदुओं के लिए अलग गांव बनाना चाहते हैं. ये विचार दुनिया में हिंदू संस्कृति को शर्मसार करने वाले हैं. ये बाबागिरी कहां तक जाएगी? सामना में लिखा है कि वक्फ बिल के चलते पश्चिम बंगाल में दंगे भड़क गए. वहीं, बिहार में मुसलमान सड़कों पर उतर आए. यह सब भाजपा की मर्जी से हो रहा है। बिल पर करीब 20 घंटे बहस हुई, लेकिन मणिपुर के हालात पर दोनों सदनों में एक घंटे भी चर्चा नहीं हुई। अगर मणिपुर पर विस्तृत चर्चा होती तो सरकार की फजीहत होती।
कैसी राम भक्ति है?
इसलिए सबको धार्मिक विषय में उलझाए रखा गया। संजय राउत ने सामना में यह भी लिखा कि भाजपा ईमानदारी से देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत बढ़ाने की कोशिश कर रही है और यह नफरत दंगों के रूप में सामने आती है। इसका उदाहरण आप देख सकते हैं कि मुंबई में रामनवमी पर निकाला गया जुलूस हमेशा की तरह धार्मिक नहीं था, बल्कि इस बार कुछ जगहों पर यह वीभत्स भी था। मुंबई की सड़कों पर लोग मुसलमानों के खिलाफ नारे लगाने लगे। यह कैसी राम भक्ति है?
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