मुंबई: महाराष्ट्र में औरंगजेब (Aurangzeb) के नाम से शुरू हुआ विवाद अब औरंगजेब की कब्र तक पहुंच गया है और इस बढ़ते विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार बहुत जल्द राज्य में औरंगजेब की कब्र को लेकर बड़ी कार्रवाई करने की धमकी दे रही है. फिलहाल इसे लेकर बड़ा विवाद चल रहा है. इसी बीच अब विश्व हिंदू परिषद ने महाराष्ट्र से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद ने महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “औरंगजेब कोई संत या समाजसेवी नहीं था. वह हिंदू स्वराज्य से नाराज था. इसलिए वह महाराष्ट्र आया था.
ज्ञापन सौंपा जाएगा
औरंगजेब ने हिंदुओं के स्मारकों और मंदिरों को नष्ट किया. इसलिए अब उसकी कब्र को महाराष्ट्र से हटा दिया जाना चाहिए. कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि 17 मार्च को पूरे राज्य में जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.” विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर सरकार ने जल्द ही औरंगजेब की कब्र नहीं हटाई तो लाखों हिंदू संभाजीनगर जाकर कार सेवा करेंगे और औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकेंगे।” आपको बता दें कि सपा नेता अबू आजमी द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान से विवाद जारी है। इस बीच हिंदू जन जागृति संगठन ने औरंगजेब की कब्र पर हुए खर्च का ब्यौरा दिया है और छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के रखरखाव में होने वाले खर्च में भेदभाव का आरोप लगाया है।
संरक्षण दिया गया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम और बाकी सभी लोग भी महसूस करते हैं कि औरंगजेब की कब्र को गिरा दिया जाना चाहिए, लेकिन कुछ काम कानून के दायरे में होना चाहिए क्योंकि उस कब्र को संरक्षण प्राप्त है। कांग्रेस के कार्यकाल में औरंगजेब की कब्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण दिया गया था। इसके बाद औरंगजेब की कब्र को हटाने की बात को भाजपा नेताओं द्वारा एक स्वर में बढ़ावा दिया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सरकार ने निर्णय ले लिया है लेकिन अभी इसे सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते, लेकिन लोगों द्वारा उठाई गई मांग का जल्द ही समाधान किया जाएगा।
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