लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने पिछड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ने के लिए मंगलवार 25 मार्च को विशेष बैठक की। मायावती पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए नया समीकरण साधने की कोशिश करती दिख रही हैं। ओबीसी वर्ग को दलितों के साथ जोड़कर पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से बाहर निकलने की कोशिश करती दिख रही है। यूपी में पिछड़े वर्ग को भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी का वोट माना जाता है। अब मायावती दोनों पार्टियों के लिए नई चुनौती लेकर आई हैं। पिछड़े वर्ग को लुभाने के लिए बसपा प्रमुख ने भाईचारा कमेटी बनाने का ऐलान किया है।

सत्ता की चाबी प्राप्त करें

बसपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया- दलितों की तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) भी केंद्र और राज्य सरकारों के जातिवादी घृणित, हीन और संकीर्ण रवैये के कारण हर स्तर पर उपेक्षा, शोषण, तिरस्कार आदि का सामना कर रहा है। हमारे मसीहा परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के संघर्ष के अनुरूप ‘बहुजन समाज’ के सभी अंग आपसी भाईचारे के आधार पर एक संगठित राजनीतिक ताकत बनें तथा वोट की ताकत से सत्ता की चाबी प्राप्त करें।

निर्णय लिया गया

इस संकल्प को और अधिक ऊर्जा व तीव्रता के साथ सार्थक बनाने के लिए आज बीएसपी की राज्य स्तरीय विशेष बैठक में एक नए जोरदार अभियान का निर्णय लिया गया है। बीएसपी के अनुसार, इस अभियान के दौरान गांव-गांव में लोगों को पार्टियों विशेषकर कांग्रेस, भाजपा व सपा के दलित व ओबीसी विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे के साथ-साथ इनके द्वारा लगातार किए जा रहे छल-कपट व धोखाधड़ी के बारे में जागरूक किया जाएगा, जिससे इन बहुजनों का जीवन लगातार दयनीय व दयनीय होता जा रहा है, जिसके कारण ये बहुजन अपने अधिकारों व न्याय से वंचित हो रहे हैं।

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