लखनऊ: अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) को और आकर्षक बनाने के लिए मंदिर समिति हर दिन नए आयाम गढ़ रही है। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि श्री राम मंदिर में ऑडिटोरियम को छोड़कर बाकी सभी काम इस साल दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। इस बार सूर्य की किरणों से रामलला का तिलक करने की व्यवस्था स्थायी होगी। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि बैठक कल भी हुई थी और आज भी होने जा रही है।

दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे

आज मुख्य रूप से म्यूजियम का काम देखा जाएगा। वहां बनने वाली 20 गैलरी का काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी। ऑडिटोरियम को छोड़कर बाकी सभी काम दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। ऑडिटोरियम का काम बहुत बड़ा है, इसीलिए देरी हो रही है। रामनवमी पर बनने वाली सूर्य किरण की व्यवस्था पर भी चर्चा हुई है। सूर्य किरण की स्थायी व्यवस्था 20 साल के लिए होगी।

इसे देखने के लिए दुनियाभर से श्रद्धालुओं की व्यवस्था की जाएगी।  जो श्रद्धालु इसका अनुभव करना और देखना चाहेंगे, उनके लिए व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में अयोध्या में बनने वाले चार द्वारों का नाम महापुरुषों के नाम पर रखने पर सैद्धांतिक सहमति बनी थी। इसकी घोषणा करने के लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अधिकृत किया गया है। उम्मीद है कि वह रामनवमी के दौरान इसकी घोषणा करेंगे।

50 लोग ऊपर जाएंगे

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही है। श्रद्धालुओं को इससे बचाव के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। अप्रैल के अंत तक छत्र का निर्माण हो जाएगा। ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि जरूरत पड़ने पर अस्थायी छत्र और चटाई की व्यवस्था की जाएगी। ताकि श्रद्धालुओं को कुछ राहत मिल सके।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय दो और मूर्तियां मंगाई गई थीं।

उनकी स्थापना के बारे में नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि उन दो मूर्तियों को कहां स्थापित किया जाएगा। इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। मई के पखवाड़े में राम दरबार की स्थापना होगी। उन्हें प्रथम तल पर विराजमान किया जाएगा। प्रथम तल पर दर्शन के लिए पास की व्यवस्था होगी। एक घंटे में 50 लोग ऊपर जाएंगे। एक दिन में 750 से 800 लोग राम दरबार के दर्शन पहले करेंगे।

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