लखनऊ: सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले को लेकर संभल (Sambhal) में सियासत गरमा गई है। संभल प्रशासन ने इस बार इस मेले के आयोजन की इजाजत नहीं दी है। जिस पर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं। इस बीच संभल के प्राचीन तीर्थ स्थल नीमसार के महंत बाल योगी दीनानाथ ने नेजा मेले पर रोक का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत सनातन की धरती है और आक्रमणकारियों की याद में इस तरह के कार्यक्रमों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

जुदा के नारे लगाते

बाल योगी दीनानाथ ने कहा कि भारत सनातनियों की धरती रही है, ऐसे में विदेश से जो भी आक्रमणकारी आए, उन्होंने भारत को लूटा और यहां के लोगों पर अत्याचार किए। ऐसे में ये लोग जो बार-बार इन लोगों या इनके प्रतीकों, मजारों और इन सब चीजों के नाम पर विवाद खड़ा करते हैं। इनके नाम पर लोग सर तन से जुदा के नारे लगाते हैं, ये भारत में ठीक नहीं है। इन लोगों को काफी बढ़ावा मिला है।

गाजी की मौत बहराइच में हुई थी। लेकिन भारत में अलग-अलग जगहों पर उनके नाम पर मेले लगते हैं, जिन्हें नेजा मेला कहते हैं। उन्होंने कहा कि एक आक्रमणकारी जिसने भारत को बार-बार लूटा और एक व्यक्ति जिसने भारतीयों को लूटा, यहां के लोगों को मारा और उनके बच्चों को भाले की नोक पर फेंककर मार डाला, क्या उसके नाम पर मेला लगना चाहिए? यह बिल्कुल गलत है। ऐसे लोगों के नाम पर मेला बिल्कुल नहीं लगना चाहिए। ये लोग भाले लेकर घूमते थे, तब से यह मेला चलन में है।

इजाजत नहीं दी जा सकती

ये लोग वहीं पर नियाज दफनाते हैं और उसके नीचे नमाज पढ़ते हैं। क्या सर तन से जुदा का नारा लगाने वाले इबादत के लायक हैं? क्या ऐसा कोई आक्रांता इबादत के लायक है? उन्हें उखाड़कर फेंक देना चाहिए। उत्तर प्रदेश की सरकार भी यही कर रही है। औरंगजेब की कब्र को लेकर उन्होंने कहा कि वह आक्रांता था। भारत सनातन भूमि है, यहां कब्र का क्या काम? आपको बता दें कि संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने इस बार नेजा मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है। उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि भारत में जो आक्रांता हुए हैं, उनकी याद में किसी भी तरह के मेले के आयोजन की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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