नई दिल्ली – बात चाहे खूबसूरत बालों की हो या खूबसूरती निखारने की, नारियल तेल हर समस्या की दवा है। नारियल का इस्तेमाल साउथ इंडिया में तो खूब किया जाता है। नारियल तेल के लगभग 90 परसेंट सिचुएटेड फैटी एसिड होता है। नारियल का इस्तेमाल जहां देवी देवताओं को प्रसाद चढ़ाने के लिए होता है, वहीं दूसरी ओर नारियल से सब्जी, मिठाई, अचार, चटनी और इसके तेल को कुकिंग के साथ-साथ खूबसूरती निखारने के लिए किया जाता है। आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि नारियल केवल एक प्रकार के नहीं बल्कि 4 तरह के होते हैं।
आइए जानते हैं कि नारियल के यह अन्य तीन प्रकार कौन से हैं और इसके खाने एवं सेहत के क्या लाभ हैं।
पहला ऑर्गेनिक नारियल- इस नारियल तेल का मेकिंग प्रोसेस सीधा पेड़ से तोड़ कर नारियल से किया जाता है।
नॉन ऑर्गेनिक कोकोनट- कोकोनट आयल को उत्पादन किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
रिफाइंड नारियल का तेल – इस तेल को बनाने के लिए सूखे नारियल का उपयोग किया जाता है।
नॉन रिफाइंड नारियल का तेल इस तेल को वर्जिन कोकोनट ऑयल कहा जाता है। नारियल तेल बनाने के लिए नारियल को चुना जाता है, एक-दो दिन के नारियल से तेल बना दिया जाता है। ज्यादातर नॉन रिफाइंड तेल का ही सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है।
नारियल तेल से बने हुए खाने के क्या फायदे हैं
कम करता है कोलेस्ट्रोल, नारियल तेल में 40% लॉरिक एसिड होता है और मीडियम इंटरमीडिएट की तरह होता है जो बॉडी में ब्लड कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
अलजाइमर के लिए फायदेमंद- अलजाइमर की शिकायत बुजुर्गों में देखा गया है, इसमें याददाश्त कमजोर होती है, नारियल तेल में मौजूद फैटी एसिड को बूस्ट करने का काम करता है इसलिए नारियल तेल के उपयोग से याददाश्त अच्छी रहती है।
वेट लॉस में मददगार – बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल के लिए नारियल का तेल सबसे अच्छा फायदा पहुंचाता है। यह वजन घटाने में मदद करता है और बैली फैट को जल्द से जल्द काम करता है।