नई दिल्ली: करदाताओं के पास ITR दाखिल करने के लिए दो अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था शामिल है। नई कर व्यवस्था के तहत करदाताओं को सालाना करीब 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, इस कर व्यवस्था के तहत कई कर छूट उपलब्ध नहीं हैं। इनमें मुख्य रूप से धारा 80सी शामिल है। धारा 80सी के तहत पुरानी कर व्यवस्था के तहत 1.5 लाख रुपये की कर छूट मिलती है। दोनों कर व्यवस्थाओं के अलग-अलग लाभ हैं।
व्यवस्था में बदलाव कर सकता
कई करदाता सोच रहे हैं कि क्या कोई पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में स्विच कर सकता है या नई कर व्यवस्था से पुरानी कर व्यवस्था में वापस जा सकता है। आइए जानते हैं कि कर व्यवस्था को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं। आयकर नियमों के अनुसार, वर्तमान में कोई भी करदाता पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में बदलाव कर सकता है। आईटीआर दाखिल करते समय आपको यह विकल्प दिया जाएगा। वहीं जिसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति पिछले साल यानी 2024-25 में आईटीआर दाखिल करते समय पुरानी कर व्यवस्था चुन रहा था। तो वह इस साल 2025-26 में आईटीआर दाखिल करते समय नई कर व्यवस्था चुन सकता है। हालांकि इस तरह, अगर कोई व्यक्ति पिछले साल यानी कि 2024-25 में नई कर व्यवस्था का इस्तेमाल कर रहा था, तो वह इस साल पुरानी कर व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल कर सकता है।
नई कर व्यवस्था के तहत पैसे कट जाएंगे
दरअसल, आईटीआर दाखिल करते समय करदाताओं को अपने आप एक विकल्प मिल जाता है। जिसमें पूछा जाता है कि क्या आप धारा 115BAC के तहत लगाए गए नए कर व्यवस्था से बाहर रहना चाहते हैं। अगर आप हां चुनते हैं, तो आपका टैक्स पुरानी कर व्यवस्था के तहत अपने आप कट जाएगा। दूसरी ओर, अगर आप नहीं का विकल्प चुनते हैं, तो आपकी नई कर व्यवस्था के तहत पैसे कट जाएंगे। आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी कर व्यवस्था चुन सकते हैं।
ये भी पढ़ें: Gold News: 2025 में सोने ने दिया अभी तक इतना प्रसेंट का रिटर्न, विवादों का कोई ठोस समाधान नहीं
