ना फास्टैग-ना टोल प्लाजा, अब नए तरीके से कटेगा टोल, जानें पूरा प्रोसेस

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत सरकार अगले 15 दिनों […]

No fast tag, no toll plaza, now toll will be deducted in a new way, know the complete process

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भारत सरकार अगले 15 दिनों में नई टोल नीति लाने जा रही है। यह नीति देश की टोल टैक्स व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और यात्रियों को हाईवे पर बेवजह रुकने और गलत चार्ज से राहत दिलाएगी। अभी तक हम टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए भुगतान करते आ रहे थे। लेकिन अब केंद्र सरकार एक और आधुनिक कदम उठाने जा रही है- GPS आधारित टोल व्यवस्था।

ये नई व्यवस्था न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत होगी बल्कि इससे सटीकता, पारदर्शिता और सुविधा में भी बड़ा बदलाव आएगा। फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसमें RFID तकनीक के जरिए वाहन बिना रुके टोल गेट पार कर सकते थे। 2025 में फास्टैग की जगह GPS आधारित सिस्टम ले लेगा जो वाहन की दूरी के हिसाब से टोल वसूलेगा।

जीपीएस आधारित टोल सिस्टम कैसे काम करेगा?

हर वाहन में एक ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) होगी।

यह डिवाइस GNSS तकनीक का उपयोग करके वाहन की आवाजाही को ट्रैक करेगी।

वाहन द्वारा हाईवे पर तय की गई दूरी के हिसाब से टोल काटा जाएगा।

पैसे सीधे बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से कट जाएंगे।

किसी भी टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा। सबसे पहले इसका इस्तेमाल ट्रक और बस जैसे कमर्शियल वाहनों पर किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे निजी वाहनों पर भी किया जाएगा। इससे तकनीकी समस्याओं को समय रहते ठीक किया जा सकेगा।

जीपीएस टोलिंग सिस्टम के अद्भुत लाभ

दूरी के आधार पर शुल्क, न ज़्यादा, न कम।

कम ट्रैफ़िक जाम, टोल प्लाजा पर रुकने की ज़रूरत नहीं।

पारदर्शी, पूरी प्रणाली स्वचालित है, धोखाधड़ी की संभावना न्यूनतम है।

कार्बन उत्सर्जन में कमी, पर्यावरण के लिए फ़ायदेमंद।

सुविधाजनक यात्रा, बिना किसी रुकावट के, कतार में खड़े हुए बिना आगे बढ़ें।

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