पशुपति पारस ने चुनाव जीतने के लिए लगाई पूरी जोर, चाचा-भतीजे के बीच इस बार कांटे की टक्कर

पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha) के चुनावी साल में इस बार संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बिहार की […]

Pashupati Paras made every effort to win the election, this time there is a tough competition between uncle and nephew

पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha) के चुनावी साल में इस बार संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती बिहार की सभी पार्टियों के लिए काफी अहम हो गई है। अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम के जरिए सभी पार्टियां इस बात में जुटी हैं कि दलितों का हितैषी कौन है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने एक दिन पहले भीम संवाद के नाम से कार्यक्रम आयोजित कर अपनी ताकत दिखाई और बापू सभागार को खचाखच भर दिया, वहीं आज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से बापू सभागार में अंबेडकर जयंती मनाई जा रही है।

दलितों का सच्चा नेता कौन है

सभी पार्टियां यह दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि दलितों का सच्चा नेता कौन है, लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी में चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि पासवान समाज का हितैषी कौन है। हालांकि इस कार्यक्रम में पहुंचे कई लोगों ने चिराग पासवान की तारीफ भी की और कहा कि वह एक अच्छे नेता हैं, लेकिन कई लोगों ने चिराग पासवान की जमकर आलोचना भी की और कहा कि वह बहुत स्वार्थी नेता हैं। हमारे नेता पशुपति पारस हैं।

बड़ा ऐलान होने वाला

आपको बता दें कि पारस की पार्टी की ओर से आज सोमवार को बड़ा ऐलान होने वाला है, जिसमें बताया जाएगा कि पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव किस तरह लड़ेगी और गठबंधन का साथी कौन होगा. लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस पीछे रह गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में वे पीछे रहने के मूड में नहीं हैं और चिराग पासवान से मुकाबला करने की तैयारी में जुट गए हैं.

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